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School Fees Matter: मांगने में क्या जाता है, आप स्वर्ग और आसमान भी मांग सकते हैं: दिल्ली हाई कोर्ट

Delhi School fee matter मुख्य न्यायमूर्ति डीएन पटेल व न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की पीठ ने कहा कि शिक्षण संस्थानों को शिक्षकों को वेतन देना होता है ऑनलाइन पढ़ाई के लिए बंदोबस्त भी किए जा रहे हैं ऐसे में अदालत उन्हें फीस में छूट देने का निर्देश नहीं दे सकती है।

By JP YadavEdited By: Published: Thu, 08 Oct 2020 08:22 AM (IST)Updated: Thu, 08 Oct 2020 08:22 AM (IST)
School Fees Matter:  मांगने में क्या जाता है, आप स्वर्ग और आसमान भी मांग सकते हैं: दिल्ली हाई कोर्ट
नई दिल्ली स्थित दिल्ली हाई कोर्ट की सांकेतिक फोटो।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। Delhi School fee matter: दिल्ली में कोरोना महामारी के दौरान सिर्फ ट्यूशन फीस लेने समेत अन्य मांगों को लेकर दायर याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी की है। याचिका पर विचार करने से इनकार करते हुए मुख्य न्यायमूर्ति डीएन पटेल व न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की पीठ ने कहा कि शिक्षण संस्थानों को शिक्षकों को वेतन देना होता है, ऑनलाइन पढ़ाई के लिए बंदोबस्त भी किए जा रहे हैं, ऐसे में अदालत उन्हें फीस में छूट देने का निर्देश नहीं दे सकती है।

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मुख्य पीठ ने सुनवाई के दौरान यह भी कहा- 'मांगने में क्या जाता है, आप स्वर्ग और आसमान भी मांग सकते हैं। आप छात्रों के लिए साइकिल और कार की मांग क्यों नहीं करते, आखिर उन्हें कॉलेज या विश्वविद्यालय भी तो जाना पड़ता है।'

गौरतलब है कि अधिवक्ता कुश शर्मा के माध्यम से एक विधि छात्र द्वारा दायर याचिका पर मुख्य पीठ ने कहा कि ऐसी याचिकाएं जुर्माना लगाने के साथ खारिज करने योग्य हैं, लेकिन हम ऐसा नहीं कर रहे हैं। हालांकि, पीठ ने संबंधित विभाग को याचिका को कहा कि याचिका को प्रतिवेदन के तौर पर लेकर कानून के तहत उचित निर्णय करें।

याचिका में सिर्फ ट्यूशन फीस लिए जाने के संबंध में शिक्षा मंत्रलय को निर्देश देने की मांग करने के साथ ही छात्रों को 4-जी स्पीड इंटरनेट, मोबाइल व लैपटॉप आदि की सुविधाएं देने के संबंध में दिशा-निर्देश तैयार करने का निर्देश देने की भी मांग की गई थी। वहीं,  10वीं व 12वीं की परीक्षा फीस बढ़ाए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र व दिल्ली सरकार के साथ ही केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) से भी जवाब मांगा है। 

बता दें कि कोरोना वायरस संक्रमण के चलते दिल्ली में मार्च के अंतिम सप्ताह से ही निजी और सरकारी दोनों तरह के स्कूल बंद हैं। इस बीच फीस को लेकर कई बार मुद्दा गरमाया है।

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