Nirbhaya case: नाबालिग नहीं पवन, HC ने खारिज की दोषी की याचिका; वकील पर लगा 25000 जुर्माना
2012 Delhi Nirbhaya case निर्भया केस में चारों दोषियों में से एक पवन गुप्ता की याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट खारिज कर दी है।
नई दिल्ली, एजेंसी। 2012 Delhi Nirbhaya case : निर्भया केस में चारों दोषियों में से एक पवन गुप्ता की याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट में बृहस्पतिवार को अहम सुनवाई हुई। HC ने दोषी पवन गुप्ता को झटका देते हुए उसकी वह याचिका खारिज कर दी, जिसमें उसने वारदात के दौरान खुद के नाबालिग होने की बात कही थी। वकील एपी सिंह के जरिये दायर याचिका में उसने दावा किया था कि 16 दिसंबर, 2012 को वसंत विहार सामूहिक दुष्कर्म और हत्या की वारदात के दौरान वह नाबालिग था। ऐसी स्थिति में उसे नाबालिग होने का लाभ मिलना चाहिए।
दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायाधीश सुरेश कुमार ने याचिका खारिज करने के साथ याचिकाकर्ता के वकील एपी सिंह पर 25000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है। कोर्ट ने कहा कि बार बार लुकाछिपी के कारण कोर्ट का समय बर्बाद हो रहा है। इसी के साथ कोर्ट ने बार काउंसिल से वकील के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए भी कहा है।
वहीं, पीड़ित निर्भया की मां ने दिल्ली हाई कोर्ट के इस फैसले पर खुशी जताई है। उन्होंने समाचार एजेंसी एएनआइ से बातचीत में कहा- 'यह अच्छा निर्णय है। ऐसे लोगों को ऐसा सबक देना बेहद जरूरी है। मैं कोर्ट के इस फैसले से खुश हूं।'
यह याचिका दोषी पवन कुमार गुप्ता की ओर से वकील एपी सिंह ने दायर की थी। याचिका में यह भी कहा गया था कि घटना के दौरान नाबालिग होने की जांच भी नहीं कराई गई, अगर ऐसा किया गया होता तो उस पर जुवेनाइट कोर्ट में मुकदमा चलता। याचिका खारिज होने के बाद अब चारों दोषियों को लेकर क्यूरेटिव पेटिशन और राष्ट्रपति के पास दया याचिका, दो विकल्प बचते हैं।
यहां पर बता दें 16 दिसंबर, 2012 को दिल्ली के वसंत विहार इलाके में चलती बस में निर्भया के साथ दरिंदगी हुई थी। बाद में अस्पताल में उसकी मौत हो गई थी। इसमें मालमे में कुल छह आरोपित थे, जिसमें से एक आरोपित राम सिंह ने जेल में आत्महत्या कर ली थी, वहीं एक अन्य आरोपित नाबालिग था, जो अपनी सजा पूरी कर चकी है। इसके बाद बचे चारों दोषियों विनय, पवन, मुकेश और अक्षय को निचली कोर्ट के बाद दिल्ली हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट भी फांसी की सजा सुना चुका है।