फेल छात्रों को दाखिला न देने पर दिल्ली सरकार को फटकार, कोर्ट जारी कर सकता है निर्देश
बच्चों को सरकारी स्कूल में दाखिला दिलाने की मांग वाली याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट की मुख्य पीठ ने दिल्ली सरकार को आड़े हाथ लिया।
नई दिल्ली [जेएनएन]। इस साल सीबीएसइ की दसवीं की परीक्षा में फेल हुए 42,503 विद्यार्थियों को दोबारा दाखिला नहीं दिए जाने पर हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार को फटकार लगाई। बच्चों को सरकारी स्कूल में दाखिला दिलाने की मांग वाली याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट की मुख्य पीठ ने दिल्ली सरकार को आड़े हाथ लिया।
कोर्ट निर्देश जारी करेगा
मुख्य न्यायमूर्ति राजेंद्र मेनन की पीठ ने दिल्ली सरकार से कहा कि आप विद्यार्थियों को दाखिला देने से कैसे इंकार कर सकते हैं? कैसे उन्हें स्कूल से निकाल सकते हैं? कोर्ट ने सुनवाई के बाद साफ तौर पर कहा कि अगर अगली सुनवाई 28 अगस्त तक दिल्ली सरकार इस पर फैसला नहीं लेती तो कोर्ट इसमें निर्देश जारी करेगा।
दिल्ली स्कूल शिक्षा नियमों का उल्लंघन
बता दें कि गैर सरकारी संगठन सोशल जूरिस्ट ने दिल्ली के सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों के दाखिले से इंकार करने के खिलाफ याचिका दायर की है। गैर सरकारी संगठन के वकील अशोक अग्रवाल ने दावा किया कि इस साल दसवीं कक्षा की परीक्षाओं में शामिल हुए 42 हजार 503 विद्यार्थियों का दोबारा दाखिला लेने से इंकार कर दिया है, जोकि दिल्ली स्कूल शिक्षा नियमों का उल्लंघन है।
टीसी लेने के लिए मजबूर किया जा रहा है
याचिका में आरोप लगाया गया कि विद्यार्थियों को स्कूल में दोबारा दाखिला देने के बजाय हस्तांतरण प्रमाणपत्र (टीसी) लेने के लिए मजबूर किया जा रहा है। याचिका में कहा गया कि इस वर्ष सरकारी स्कूल के दसवीं की परीक्षा देने वाले 1 लाख 36 हजार 663 विद्यार्थियों में से 94 हजार 160 पास हुए, जबकि 42 हजार 503 फेल हुए हैं। छात्रों ने कंपार्टमेंट का पेपर दिया, लेकिन उसमें भी फेल हो गए।