लोगों के सामने थप्पड़ मारने पर पति ने कर ली थी आत्महत्या, पढ़िए- HC ने दिया क्या फैसला
निचली अदालत में चली सुनवाई के दौरान दलील दी गई कि जुलाई 2015 को महिला ने अन्य लोगों के सामने पति को थप्पड़ मारा था और 2 अगस्त को उसके पति ने खुदकशी कर ली थी।
नई दिल्ली, जेएनएन। पत्नी द्वारा अन्य लोगों के सामने थप्पड़ मारना पति के खुदकशी का आधार नहीं हो सकता। निचली अदालत के आदेश को चुनौती देने वाली महिला की याचिका पर हाई कोर्ट ने उक्त टिप्पणी करते हुए महिला को आरोपों से बरी कर दिया।
न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा ने कहा कि अभियोजन पक्ष द्वारा महिला के खिलाफ लगाए गए आरोपों का कोई आधार नहीं है। निचली अदालत ने प्राथमिक तौर पर पेश किए गए सुबूतों के आधार पर महिला के खिलाफ खुदकशी के लिए उकसाने का मामला दर्ज करने का फैसला देने में गलती की है। निचली अदालत का फैसला आधारहीन है और इसे निरस्त किया जाता है।
अभियोजन पक्ष के अनुसार महिला की शादी फरवरी 2015 में हुई थी और विवाद के बाद महिला ने मई में पति का घर छोड़ दिया था। निचली अदालत में चली सुनवाई के दौरान दलील दी गई कि जुलाई 2015 को महिला ने अन्य लोगों के सामने पति को थप्पड़ मारा था और 2 अगस्त को उसके पति ने खुदकशी कर ली थी।
युवक के पिता ने दावा किया था कि पत्नी के व्यवहार से उनका बेटा शर्मिंदा था और इसीलिए उसने खुदकशी की। याचिका पर सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने गौर किया कि जिस सुसाइड नोट को अभियोजन पक्ष ने पेश किया उसमें कहीं भी थप्पड़ की घटना का जिक्र नहीं है। इसमें जिक्र था कि महिला ने पति पर उसके भाई की पत्नी के साथ अवैध संबंध का आरोप लगाया था।