सुनंदा पुष्कर मौत मामल: जांच में देरी पर हाई कोर्ट ने पुलिस से किया सवाल
पीठ ने कहा कि पुलिस अब तक इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों के बारे में अंतिम परिणाम नहीं प्राप्त कर सकी है, जो इस मामले के सिलसिले में जब्त किये गये थे।
नई दिल्ली [जेएनएन]। दिल्ली उच्च न्यायालय ने आज दिल्ली पुलिस से कांग्रेस सांसद शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर की मौत के पीछे की वजह का पता लगाने में हो रही देरी का कारण पूछा।
न्यायमूर्ति जी एस सिस्तानी और न्यायमूर्ति चंद्रशेखर की पीठ ने कहा कि पुलिस ने वर्ष 2015 में मामले से संबंधित साक्ष्य इकट्ठा कर लिये थे लेकिन वह अब तक इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों के बारे में अंतिम परिणाम नहीं प्राप्त कर सकी है, जो इस मामले के सिलसिले में जब्त किये गये थे।
पीठ ने सवाल किया, 'यह (साक्ष्यों को इकट्ठा करने का काम) फरवरी 2015 में पूरा हो चुका है। पुलिस को अंतिम परिणाम का पता लगाने में दो साल क्यों लग गये।' न्यायालय ने कहा कि पुलिस को मामले में हो रही देरी के पहलू को देखना है।
पीठ ने कहा, 'वर्ष 2014 में किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है और आप लोगों (पुलिस) ने पहले इसे आत्महत्या का मामला बताया लेकिन बाद में यह हत्या का मामला बन गया।' भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका पर अदालत ने यह टिप्पणी की, जिन्होंने पुष्कर की मौत की अदालत की निगरानी में सीबीआई की अगुवाई में एसआईटी जांच का आग्रह किया है।
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