वोटरों को गिफ्ट बांट 'लुभाने' के वादे पर HC का EC व केंद्र सरकार को नोटिस
राजनीतिक पार्टियों की तरफ से अपने घोषणा पत्रों में मतदाताओं को मुफ्त में उपहार बांटे जाने की घोषणा पर दिल्ली हाईकोर्ट ने कठोर रुख अख्तियार कर लिया है।
नई दिल्ली (जेएनएन)। चुनावों के दौरान राजनीतिक पार्टियों की तरफ से अपने घोषणा पत्रों में मतदाताओं को मुफ्त में उपहार बांटे जाने की घोषणा पर दिल्ली हाईकोर्ट ने कठोर रुख अख्तियार कर लिया है। राजनीतिक पार्टियों की ऐसी घोषणाओँ पर रोक लगाने की मांग को लेकर दायर की गई याचिका पर सुनवाई के दौरान दिल्ली हाई कोर्ट ने चुनाव आयोग ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। हाई कोर्ट ने चुनाव आयोग और केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर इस मामले में जवाब मांगा है।
गौरतलब है कि पांच राज्यों में पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में फरवरी-मार्च में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। पंजाब और गोवा में जहां 4 फरवरी को विधानसभा चुनाव है, वहीं उत्तर प्रदेश में सात चरणों में विधानसभा चुनाव कराए जाने हैं।
पूर्व की तरह इन राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनावों में राजनीतिक पार्टियों ने अपने घोषणा पत्रों के जरिये लोगों को मुफ्त दाल, चावल, चीनी, घी आदि देने का एलान किया गया है। ऐसा पहली बार नहीं हो रहा। पहले भी मतदाताओं को लुभाने के लिए अक्सर राजनीतिक दल उन्हें मुफ्त में सामान दिए जाने का वादा करते रहे हैं। तमिलनाडु में एआइडीएमके और डीएमके तकरीबन हर विधानसभा चुनाव में ऐसे लुभावने वादे करती रही हैं और उन्हें सत्ता भी मिली है।
हाईकोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि चुनाव के दौरान मुफ्त उपहार बांटा जाना या इसे दिए जाने का वादा करना भ्रष्ट आचरण की श्रेणी में आता है और आजकल अधिकांश राजनीतिक दल चुनाव जीतने के लिए ऐसा करते रहते हैं। अब हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार और चुनाव आयोग को इस बाबत जवाब देने के लिए कहा है।