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पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बड़ा अपडेट, हाईकोर्ट के फैसले से वैभव जैन को लगा झटका

AAP News पूर्व कैबिनेट मंत्री सत्येंद्र जैन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दो आरोपितों की डिफाल्ट जमानत याचिका को दिल्ली हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है। आरोपितों ने दावा किया था कि उनके खिलाफ दायर आरोप पत्र अधूरा है। इसी को लेकर उन्होंने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। पढ़िए आखिर सतेंद्र जैन से जुड़ा यह पूरा मामला क्या है।

By Vineet Tripathi Edited By: Kapil Kumar Updated: Wed, 02 Oct 2024 12:47 PM (IST)
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वैभव जैन और अंकुश जैन की याचिकाएं दिल्ली हाई कोर्ट ने खारिज कर दी। फाइल फोटो

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली के पूर्व कैबिनेट मंत्री सत्येंद्र जैन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में डिफाल्ट जमानत की मांग करने वाले वैभव जैन और अंकुश जैन की याचिकाएं दिल्ली हाई कोर्ट ने खारिज कर दी। आरोपितों ने दावा किया था कि उनके खिलाफ दायर आरोप पत्र अधूरा था।

डिफाल्ट जमानत देने से इनकार करने वाले ट्रायल कोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा की पीठ ने कहा कि उसका आदेश योग्यता के आधार पर नियमित जमानत लेने के उनके अधिकार को नहीं रोकता है।

ईडी ने किया था ये दावा

पूरा मामला सत्येंद्र जैन के खिलाफ उनसे जुड़ी चार कंपनियों के माध्यम से मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप से संबंधित है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी ED) ने दावा किया है कि वैभव जैन और अंकुश जैन आप नेता के व्यापारिक सहयोगी थे और उन्होंने अपराध को अंजाम देने में मदद की।

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अदालत ने अभियुक्तों की इस दलील को खारिज कर दिया कि उनके खिलाफ दायर आरोप पत्र अधूरा था। अदालत ने कहा कि मुख्य आरोप पत्र का समर्थन करने के उद्देश्य से केवल पूरक साक्ष्य को अधूरा नहीं बना देंगे।

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