डीएसजीएमसी के चुनाव का रास्ता साफ, दिल्ली हाई कोर्ट ने दी हरी झंडी
कोर्ट ने कहा कि ने कहा कि कोरोना महामारी को देखते हुए बेहतर है कि नई मतदाताा सूची बारे में विचार न किया जाए। पीठ ने कहा कि अगर नई मतदाता सूची तैयार की जाती है तो इसमें चार से पांच लाख मतदाताओं के नए नाम जोड़ने पड़ेंगे।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली हाई कोर्ट से सोमवार को हरी झंडी मिलने के बाद दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति (डीएसजीएमसी) का चुनाव कराने का रास्ता साफ हो गया है। न्यायमूर्ति जयंत नाथ की पीठ ने दिल्ली सरकार के दिल्ली गुरुद्वारा चुनाव निदेशालय को निर्देश दिया कि वर्तमान मतदाता सूची को संशोधित कर इसी पर चुनाव कराएं। साथ ही चुनाव समाप्त होने के बाद वर्ष 2025 के चुनाव से पहले नई मतदाता सूची तैयार करने का भी निर्देश दिया।
दिल्ली हाई कोर्ट ने यह आदेश शिरोमणि अकाली दल दिल्ली की याचिका पर दिल्ली गुरुद्वारा चुनाव निदेशालय की तरफ से दाखिल आवेदन पर दिया। सभी पक्षों को सुनने के बाद हाई कोर्ट ने 18 सितंबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था। चुनाव निदेशालय ने कहा था कि मतदाता सूची तैयार करने में समय लगेगा और वर्तमान मतदाता सूची में फोटो का मिलान कर संशोधित मतदाता सूची बनाने की अनुमति दी जाए। साथ ही इसी के आधार पर चुनाव कराने का निर्देश दिया जाए। इस पर हाई कोर्ट के समक्ष सभी पक्षों ने सहमति जताई और समय पर चुनाव कराने की बात कही। पीठ ने फैसले में कहा कि हाई कोर्ट की दो सदस्य पीठ एवं सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार नई मतदाता सूची के आधार पर चुनाव कराना है। इसके बावजूद डीएसजीएमसी का चुनाव वर्ष 2017 में नई मतदाता सूची के बदले संशोधित मतदाता सूची के आधार पर हुआ था।
पीठ ने कहा कि कोरोना महामारी को देखते हुए बेहतर है कि नई मतदाताा सूची बारे में विचार न किया जाए। पीठ ने कहा कि अगर नई मतदाता सूची तैयार की जाती है तो इसमें चार से पांच लाख मतदाताओं के नए नाम जोड़ने पड़ेंगे। इसके लिए उनके घरों में जाना होगा और इस प्रक्रिया में दस महीने का समय लगेगा। इस स्थिति में समय पर चुनाव कराना संभव नहीं होगा। समय पर चुनाव कराने की सभी की सहमति को देखते हुए पीठ ने चुनाव निदेशालय को समय पर चुनाव कराने एवं चुनाव समाप्त होने के बाद नई मतदाता सूची का काम शुरू करने का निर्देश दिया। ताकि 2025 में होने वाला चुनाव नई मतदाता सूची से हो सके। डीएसजीएमसी का कार्यकाल 30 मार्च 2021 को समाप्त हो रहा है और 15 मार्च तक चुनाव कराना जरूरी है।
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