Coronavirus: दिल्ली हाई कोर्ट ने अंतरिम आदेश की समयसीमा 31 अगस्त तक बढ़ाई
मुख्य न्यायमूर्ति की अध्यक्षता वाली विशेष पीठ ने कहा कि जेल में पर्याप्त भीड़ को देखते हुए जमानत समेत अन्य अंतरिम आदेशों की समयसीमा को बढ़ाने का निर्णय लिया गया है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। कोरोना महामारी के दौरान अधिवक्ता से लेकर कैदियों के स्वास्थ्य एवं सुरक्षा को देखते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने 25 मार्च को हाई कोर्ट समेत निचली अदालतों में चल रहे मुकदमों में दी गई अंतरिम राहत को 31 अगस्त तक के लिए बढ़ा दिया है। मुख्य न्यायमूर्ति की अध्यक्षता वाली विशेष पीठ ने कहा कि जेल में पर्याप्त भीड़ को देखते हुए जमानत समेत अन्य अंतरिम आदेशों की समयसीमा को बढ़ाने का निर्णय लिया गया है।
विशेष पीठ ने कहा कि अगर कोई कैदी बाहर से लौटता है तो संभावना है कि वह अपने साथ वायरस लेकर आए और यह अन्य कैदियों में भी फैल जाए। मुख्य न्यायमूर्ति डीएन पटेल, न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल व न्यायमूर्ति तलवंत सिंह की विशेष पीठ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई करते हुए कहा कि अंतरिम आदेश की समयसीमा को बढ़ाने के पीछे सभी को सुरक्षित रखना है।
पीठ ने कहा कि हम चाहते हैं कि लोग के साथ जेल अधिकारी सुरक्षित रहें। पीठ ने यह आदेश तब दिया जब बिना सुनवाई के ही अंतरिम आदेश की समयसीमा बढ़ाने पर स्टैंडिंग काउंसल राहुल मेहरा ने चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि 15 मई से समयसीमा बढ़ाई जा रही है। पीठ ने इस पर कहा कि हम समयसीमा इसलिए बढ़ा रहे हैं क्योंकि हम नहीं चाहते कोई बिना लक्षण वाला कैदी वापस आए और वह महामारी को अन्य कैदियों में फैला दे।
हाई कोर्ट ने जामिया हिंसा से जुड़ी सभी याचिकाओं पर पुलिस से मांगा जवाब
उधर, नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन के दौरान जामिया मिल्लिया इस्लामिया के आसपास हुई हिंसा के मामले में दायर सभी याचिकाओं पर दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को जवाब दाखिल करने का आदेश दिया।
मुख्य न्यायमूर्ति डीएन पटेल व न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की पीठ ने पुलिस को दो दिन के अंदर सभी याचिकाओं पर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया। पीठ ने यह आदेश तब दिया जब कुछ याचिकाकताओं की तरफ से पेश हुए अधिवक्ताओं ने कहा कि पुलिस ने सभी याचिकाओं के बजाय कुछ ही याचिकाओं पर जवाब दाखिल किया है। सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता रजत नायर ने कहा कि उन्होंने सभी याचिकाओं पर एक समेकित जवाब दाखिल किया है।