नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। मुंबई की रहने वाली श्रद्धा वालकर (Shraddha Walker Murder) की दिल्ली के छत्तरपुर में नृशंस हत्या के मामले की जांच दिल्ली पुलिस से केंद्रीय जांच एजेंसी (CBI) को स्थानांतरित करने की मांग को लेकर एक अधिवक्ता द्वारा दायर याचिका दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने खारिज कर दी है। दिल्ली हाई ने कहा कि दिल्ली पुलिस की जांच पर शव क्यों किया जाए?

इसके साथ ही हाई कोर्ट ने अधिवक्ता जोशिनी तुली की याचिका पर जुर्माना भी लगाया और खारिज करते हुए कहा कि CBI को जांच स्थानांतरित करने का एक भी कारण नहीं है। 

दिल्ली पुलिस पर संवेदनशील जानकारियां लीक करने का आरोप

बता दें कि अधिवक्ता ने यह कहते हुए मामले की जांच सीबीआइ को सौंपने का निर्देश देने की मांग की थी कि दिल्ली पुलिस मामले की जांच से जुड़ी संवेदनशील जानकारियां मीडिया में लीक कर रही है, जबकि कानून में इसकी अनुमति नहीं है। याचिका में अधिवक्ता ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने घटना स्थल को आज तक सील नहीं किया है, जहां पर हर रोज आम लोग और मीडियाकर्मी लगातार पहुंच रहे हैं।

आफताब ने श्रद्धा के शव के 35 टुकड़े किए

उन्होंने अपनी याचिका में कहा था कि जनता की उपस्थिति में सुबूतों की बरामदगी और मीडिया की मौजूदगी में अदालत की सुनवाई जांच में हस्तक्षेप के समान है। दिल्ली में हुई हत्या और उसके बाद शरीर के अंगों को अलग-अलग स्थानों पर ठिकाने लगाने का आफताब अमीन पूनावाला पर आरोप है।

भीड़ के चलते अदालत में पेशी मुश्किल

याचिकाकर्ता ने कहा था कि 17 नवंबर को अदालत में आरोपित को पेश करने के दौरान अदालत में बड़ी संख्या में मीडियाकर्मी मौजूद थे। यहां तक कि वकीलों के लिए भी अदालत कक्ष में पहुंचना मुश्किल था। अंत में आरोपित को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए पेश करने का आदेश देना पड़ा था।

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Edited By: Aditi Choudhary