1984 Anti Sikh Riots: दोषी ने मांगी HC से राहत, कोर्ट ने कहा- मेडिकल जांच के लिए ले जाएं अस्पताल
सिख दंगा मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे नरेश सहरावत ने लिवर और किडनी प्रत्यारोपण का हवाला देते हुए तीन महीने की सजा निलंबित करने की मांग की है।
नई दिल्ली, विनीत त्रिपाठी। 1984 सिख विरोधी दंगों के दोषी नरेश सहरावत की याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने जेल प्रशासन को निर्देश दिया कि मेडिकल जांच के लिए तीन दिनों के भीतर आइएलबीएस अस्पताल में ले जाएं। नरेश सहरावत को लीवर और किडनी प्रत्यारोपण से गुजरना है। मेडिकल आधार पर तीन महीने के लिए सजा निलंबित करने की मांग पर न्यायमूर्ति मनमोहन व न्यायमूर्ति संजीव नरूला की पीठ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई करते हुए दिल्ली सरकार और विशेष जांच दल को 25 मई तक स्थिति रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया।
दंगा मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे नरेश सहरावत ने लिवर और किडनी प्रत्यारोपण का हवाला देते हुए तीन महीने की सजा निलंबित करने की मांग की है।
तीन दिन के अंदर कराएं मेडिकल जांच
नरेश सहरावत की याचिका के अनुसार इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर एंड बिलीरी साइंसेज (आइएलबीएस) अस्पताल में डॉक्टर से 11 मार्च को मुलाकात तय थी, लेकिन कोरोना महामारी के खतरे को देखते हुए जेल अधिकारी उन्हें वहां नहीं ले गए। पीठ ने याचिका पर सुनवाई करने के बाद जेल प्राधिकरण को निर्देश दिया कि वे सुनिश्चित करे कि अगले तीन दिन के अंदर अपीलकर्ता (सेहरावत) को मेडिकल जांच और उपचार के लिए आइएलबीएस अस्पताल ले जाया जाए। साथ ही पीठ ने मामले में 25 मई या उससे पहले स्थिति रिपोर्ट पेश करने का आदेश देते हुए सुनवाई 26 मई तक के लिए स्थगित कर दी।
निचली अदालत के फैसले को दी है चुनौती
दंगा मामलों की जांच के लिए गृह मंत्रालय ने विशेष जांच दल का गठन किया था और एसआइटी की जांच रिपोर्ट पर द्वारा पहले एक एसआईटी का गठन किया गया था। निचली अदालत ने 1984 के दंगों के दौरान नई दिल्ली में दो लोगों की हत्या के मामले में दोषी यशपाल सिंह को मृत्युदंड एवं नरेश सेहरावत को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। सेहरावत ने निचली अदालत के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी है, जोकि अभी लंबित है। वहीं, यशपाल सिंह ने भी मृत्युदंड की सजा को हाई कोर्ट में चुनौती दी है और इस पर सुनवाई अभी लंबित है।