दिल्ली हाई कोर्ट ने बर्गर बांटने की शर्त पर निरस्त की दुष्कर्म की एफआईआर, पत्नी ने दर्ज कराया था मामला
दिल्ली में एक व्यक्ति के खिलाफ दुष्कर्म के आरोप में दर्ज प्राथमिकी दिल्ली हाई कोर्ट ने निरस्त कर दी। याचिका में लगाई गई गुहार पर हाई कोर्ट ने प्राथमिकी निरस्त करते हुए उसके सामने शर्त रख दी कि दो अनाथालयों में स्वच्छ व अच्छी गुणवत्ता के बर्गर बांटने होंगे।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली: दिल्ली में एक व्यक्ति के खिलाफ दुष्कर्म के आरोप में दर्ज प्राथमिकी दिल्ली हाई कोर्ट ने निरस्त कर दी। याचिका में लगाई गई गुहार पर हाई कोर्ट ने प्राथमिकी निरस्त करते हुए उसके सामने शर्त रख दी कि दो अनाथालयों में स्वच्छ व अच्छी गुणवत्ता के बर्गर बांटने होंगे। इन अनाथालयों में बच्चों की संख्या 100 से कम नहीं होनी चाहिए।
आरोपी की पत्नी ने दर्ज की थी शिकायत
सरिता विहार थाने में नवंबर 2020 में एक व्यक्ति के खिलाफ दुष्कर्म के आरोप में प्राथमिकी दर्ज हुई थी। शिकायतकर्ता इस व्यक्ति की पत्नी है। इनके बीच समझौता हो गया था। इस आधार पर आरोपित व्यक्ति ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर कर प्राथमिकी निरस्त करने की मांग की। याचिका में उसने बताया कि वह रेस्तरां चलाता है। नोएडा और मयूर विहार में उसके बर्गर रेस्तरां हैं।
वैवाहिक प्रकृति का था मामला
न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने पाया कि दोनों पक्षों के बीच विवाद वैवाहिक प्रकृति का था और वह आपस में सुलह कर चुके हैं। यह देखते हुए प्राथमिकी निरस्त कर दी गई। पीठ ने यह भी पाया कि दोनों पक्षों के कारण पुलिस और न्यायपालिका का काफी समय व्यर्थ हुआ। इस समय का दूसरे मामलों में सदुपयोग हो सकता था। ऐसे में पीठ ने याचिका दायर करने वाले व्यक्ति को निर्देश दिया कि उसे दो अनाथालयों में बर्गर उपलब्ध कराने होंगे। पुलिस को जिम्मेदारी दी है कि वह बर्गर की गुणवत्ता सुनिश्चित करे।