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चाइनीज फर्म की वेबसाइट व मोबाइल एप ब्लाक करने की मांग, हाई कोर्ट ने मांगा केंद्र से जवाब

चीन की कंपनी एसपीपीआइएन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा संचालित ई-कामर्स वेबसाइटों और एक मोबाइल एप को ब्लाक करने की मांग को लेकर दायर याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र से जवाब मांगा है। याचिका में आरोप है कि इससे देश की सुरक्षा और अखंडता को खतरा हो सकता है।

By Mangal YadavEdited By: Published: Wed, 17 Nov 2021 06:07 AM (IST)Updated: Wed, 17 Nov 2021 07:33 AM (IST)
चाइनीज फर्म की वेबसाइट व मोबाइल एप ब्लाक करने की मांग, हाई कोर्ट ने मांगा केंद्र से जवाब
याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार से मांगा जवाब

नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। चीन की कंपनी एसपीपीआइएन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा संचालित ई-कामर्स वेबसाइटों और एक मोबाइल एप को ब्लाक करने की मांग को लेकर दायर याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र से जवाब मांगा है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि इससे देश की सुरक्षा और अखंडता को खतरा हो सकता है। मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल व न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी करते हुए सुनवाई 11 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दी।याचिकाकर्ता व अधिवक्ता शशांक शेखर झा ने वरिष्ठ अधिवक्ता संजीव पुरी के माध्यम से दायर जनहित याचिका में कहा है कि कंपनी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीति (एफडीआइ) और विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) मानदंडों के उल्लंघन का काम कर रही है।

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कंपनी ई-कामर्स वेबसाइट seller.shopee.in और shopee.in के अलावा एक एप आनलाइन शापिंग का संचालन कर रहे हैं। याचिकाकर्ता ने केंद्र को एसपीपीआइएन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और यहां शामिल अन्य समान संस्थाओं में प्राप्त विदेशी निवेश की जांच करने का निर्देश देने की मांग की है। याचिका में कहा गया है कि एसपीपीआइएन द्वारा एकत्र की गई भारतीय नागरिकों की सार्वजनिक और निजी जानकारी से समझौता किए जाने की संभावना है।

लिव-इन-रिलेशन में रह रहे इंजीनियर को मिली सुरक्षा

वहीं, लिव-इन-रिलेशनशिप में रह रहे एक इंजीनियर को दिल्ली हाई कोर्ट ने सुरक्षा प्रदान की है। न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने याचिका पर सुनवाई के बाद संबंधित थाना एसएचओ निर्देश दिए हैं। पीठ ने कहा कि अगर कोई शिकायत मिलती है तो कानून के तहत उचित कार्रवाई करें। पक्षकारों को नोटिस जारी करते हुए 25 जनवरी तक के लिए सुनवाई स्थगित कर दी गई। दिल्ली हाई कोर्ट की एक अन्य पीठ से युवती को भी सुरक्षा मिल चुकी है।

याचिकाकर्ता मूलरूप से हरियाणा के रेवाड़ी का रहने वाला है और युवती राजस्थान के भीलवाड़ा की रहने वाली है। दोनों इंजीनियर हैं और बीते पांच साल से लिव-इन-रिलेशनशिप में रह रहे हैं। अधिवक्ता जूही अरोड़ा के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया है कि युवती ने स्वजन के दबाव के कारण खुदकशी की कोशिश की थी। युवती के स्वजन उस पर शादी का दबाव डालते थे और कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए थे। इसी वजह से वह दिल्ली आ गई थी। याचिका के अनुसार 30 सितंबर को युवती के स्वजन ने दोनों की बेरहमी से पिटाई की थी। याचिकाकर्ता ने शादी होने तक सुरक्षा की मांग की थी।


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