1931 में भगत सिंह को हुई थी फांसी, जानें- शहीद का दर्जा देने पर HC ने क्या कहा
याचिका में कहा गया कि यह शहीदों का कानूनी अधिकार है कि उन्हें शहीद का दर्जा दिया जाए।
नई दिल्ली (जेएनएन)। स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह, सुखदेव व राजगुरु को शहीद का दर्जा दिए जाने की मांग करते हुए दायर की गई याचिका को दिल्ली हाई कोर्ट ने खारिज दिया।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता व न्यायमूर्ति सी हरिशंकर की पीठ ने याचिकाकर्ता से सवाल किया कि क्या कानून मे ऐसा कोई प्रावधान है जिसमें कोर्ट को यह निर्देश देने का अधिकार हो।
इस सवाल का याची के पास कोई जवाब नहीं था। इस पर हाई कोर्ट ने यह कहते हुए याचिका को रद कर दिया कि हम ऐसा निर्देश जारी नहीं कर सकते हैं।
Delhi HC today dismissed a plea seeking 'status of martyr' for freedom fighters Bhagat Singh, Sukhdev and Rajguru who were hanged by Britishers in 1931, said court can't issue such directions.Petitioner failed to reply that under which law court has power to issue such directions— ANI (@ANI) December 18, 2017
अधिवक्ता बिंजेद्र सांगवान की तरफ से दायर याचिका में उन्होंने भगत सिंह, सुखदेव व राजगुरु को शहीद का दर्जा दिए जाने की मांग की। इनको 1931 में ब्रिटिश राज मे फांसी दे दी गई थी।
याचिका में कहा गया कि यह शहीदों का कानूनी अधिकार है कि उन्हें शहीद का दर्जा दिया जाए। यही शहीद के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। बता दें कि 1928 में भगत सिंह व राजगुरु ने पाकिस्तान के लाहौर मे ब्रिटिश पुलिस अफसर को गोली मार दी थी।
इसके बाद लॉर्ड इरविन द्वारा गठित किए गए स्पेशल ट्रिब्यूनल ने भगत सिंह, सुखदेव व राजगुरु को लाहौर की जेल मे फांसी पर चढ़ा दिया था।