दिल्ली HC का केंद्र और UGC को जारी किया नोटिस, जामिया में EWS छात्रों को आरक्षण की मांग पर मांगा जवाब
दिल्ली हाई कोर्ट ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया में पढ़ने वाले आर्थिक कमजोर वर्ग (EWS) के छात्रों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की मांग वाली जनहित याचिका पर सनुवाई करते हुए केंद्र और यूजीसी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में आर्थिक कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के छात्रों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की मांग वाली जनहित याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने जवाब मांगा है।
छात्रा आकांक्षा गोस्वामी की याचिका पर मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमणियम प्रसाद की पीठ ने केंद्र सरकार, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) और जामिया को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
छात्रा की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अरुण भारद्वाज और अधिवक्ता आकाश वाजपेयी ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 15 (6) के तहत संविधान अधिनियम, 2019 के प्रविधानों के अनुसार आरक्षण के संबंध में निर्देश देने की मांग की।
याचिका में यूजीसी द्वारा जारी 18 जनवरी, 2019 के एक पत्र का हवाला देते हुए कहा गया कि इसके तहत जामिया सहित सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से शैक्षणिक वर्ष 2019-2020 से प्रवेश के समय ईडब्ल्यूएस आरक्षण का 10 प्रतिशत लागू करने का अनुरोध किया गया है। साथ ही छात्रा की जनहित याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया, केंद्र सरकार और यूजीसी को जवाबतलब करने का आदेश दिया है।
गायों से हो रही समस्या को लेकर एनजीटी ने दिए निर्देश
पुरानी दिल्ली के पहाड़गंज स्थित मोतिया खान इलाके में बिना किसी सुरक्षा उपाय के घूमने वाली गायों के कारण स्थानीय लोगों के स्वास्थ्य से संबंधी समस्याओं से जुड़ी शिकायत पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) व एमसीडी को उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल, न्यायिक सदस्य सुधीर अग्रवाल व विशेषज्ञ सदस्य डा. ए सेन्थिल वेल की पीठ ने डीपीसीसी व एमसीडी के साथ ही सदर बाजार पुलिस स्टेशन के एसएचओ को मामले को देखने व उचित कार्रवाई करने को कहा। एनजीटी ने कहा कि इसके लिए डीपीसीसी नोडल एजेंसी होगी और उसकी देखरेख में कार्यवाही की जाएगी।
उक्त निर्देश के साथ एनजीटी ने आवेदन का निस्तारण कर दिया। स्थानीय नागरिक भोला, रवि, मनोज, सुनील और राजू ने आवेदन दाखिल करके कहा था कि मोतिया खान स्थित गाय वाली गली में पशुपालन होता है और इसके कारण न सिर्फ इलाके में पर्यावरण दूषित हो रहा है, बल्कि बिना किसी सुरक्षा उपायों के क्षेत्र में गायों के घूमने के कारण स्थानीय नागरिकों की सुरक्षा को भी खतरा है। साथ ही उनके स्वास्थ्य का खतरा भी बना रहता है।