सरकारी खजाने से जेठमलानी को फीस देने के मामले में HC का सुनवाई से इन्कार
हाई कोर्ट ने राम जेठमलानी की फीस जनता के पैसे से देने की अरविंद केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई से इन्कार कर दिया है।
नई दिल्ली [जेएनएन]। दिल्ली हाई कोर्ट ने राम जेठमलानी की फीस जनता के पैसे से देने की अरविंद केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई से इन्कार कर दिया है। केजरीवाल ने मांग की थी कि सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता राम जेठमलानी ने जिस मामले में अरविंद केजरीवाल के लिए कोर्ट में जिरह की थी उसकी फीस दिल्ली सरकार वहन करे।
Delhi HC refuses to hear plea against use of public money to pay lawyer Ram Jethmalani's fee appearing for Delhi CM in a defamation suit
— ANI (@ANI_news) April 17, 2017
2015 के इस केस में यह सारा मामला उस वक्त सामने आया जब राम जेठमलानी ने अरविंद केजरीवाल से बतौर मुख्यमंत्री इस केस में अपनी वकालत की फीस मांगी। उन्होंने करीब 3.86 करोड़ रुपये की फीस की मांग की। मामले में अरविंद केजरीवाल की ओर से दिल्ली सरकार ने राम जेठमलानी को फीस देने की पूरी तैयारी कर ली थी।
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अरुण जेटली ने किया केस
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने केजरीवाल समेत छह 'आप' नेताओं पर 10 करोड़ रुपये का मानहानि दावा ठोका है। जेटली का आरोप है कि केजरीवाल व अन्य नेताओं ने उन पर डीडीसीए अध्यक्ष रहते हुए वित्तीय अनियमितता का झूठा आरोप लगाया। इस मामले में ही राम जेठमलानी अरविंद केजरीवाल की ओर से जिरह कर रहे हैं।
केजरीवाल ने लगाए आरोप
जेटली 13 साल तक डीडीसीए के अध्यक्ष थे। जेटली ने इन आरोपों को खारिज करते हुए दिसंबर 2015 में पटियाला हाउस कोर्ट में मानहानि का आपराधिक व हाई कोर्ट में दीवानी मुकदमा दायर किया था। सुप्रीम कोर्ट ने 22 नवंबर 2016 को केजरीवाल की याचिका खारिज करते हुए निचली अदालत में मानहानि की शिकायत पर सुनवाई पर रोक लगाने से इन्कार कर दिया था।
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