दिल्ली सरकार को HC से राहत, ऑटो व ई-रिक्शा चालकों को 5000 रुपये के लिए मिली मोहलत
पीठ ने परिवहन विभाग को पात्र सार्वजनिक सेवा वाहन (पीएसवी) बिल्ला धारकों के बैंक खातों में 10 दिन के अंदर पांच हजार रुपये की राशि जमा करने का आदेश दिया।
नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। दिल्ली हाई कोर्ट ने शुक्रवार को केजरीवाल सरकार को दस दिन का अंतिम अवसर देते हुए पात्र ऑटो रिक्शा, ई-रिक्शा और ग्रामीण सेवा चालकों को सहायता पैकेज के तौर पर पांच हजार रुपये देने का आदेश दिया।
न्यायमूर्ति हिमा कोहली व न्यायमूर्ति एस प्रसाद की पीठ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई करते हुए परिवहन विभाग को पहले ही अधिक समय दिया जा चुका है क्योंकि प्राधिकारियों ने अप्रैल की शुरूआत में सहायता धनराशि देने का आदेश दिया था और अब मई माह भी समाप्त होने वाला है।
पीठ ने परिवहन विभाग को पात्र सार्वजनिक सेवा वाहन (पीएसवी) बिल्ला धारकों के बैंक खातों में 10 दिन के अंदर पांच हजार रुपये की राशि जमा करने का आदेश दिया। पीठ ने उक्त आदेश गैर सरकारी संगठन नई सोच सोसाइटी द्वारा दायर की गई जनहित याचिका पर दिया। एनजीओ ने मांग की थी कि चालकों को सहायता धनराशि के तौर पर पांच हजार रुपये जारी करने का विभाग को निर्देश दिया जाए।
पीठ ने कहा कि याचिका के लिए विभाग के पास पर्याप्त समय था कि वह सभी आवेदनों पर कार्रवाई कर पात्रों को फंड जारी करे। याचिका में दलील दी गई कि 2 अप्रैल को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ऑटो रिक्शा, ई-रिक्शा और ग्रामीण सेवा चालकों को पांच हजार रुपये राहत सहायता पैकेज देने की घोषणा की थी। ताकि, कोरोना महामारी के कारण उन्हें हुए नुकसान की भरपाई की जा सके।
याचिका में कहा कि पर्याप्त समय तक धनराशि जारी होने का इन्तजार करने के बाद 25 अप्रैल को विभाग के समक्ष मामला रखा गया, लेकिन जब मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई तो फिर जनहित याचिका दायर की गई। परिवहन विभाग के वकील ने पीठ को बताया कि 11,780 पात्र आवेदकों में से 4,835 व्यक्तियों के बैंक खातों में सीधे पांच हजार रुपये जमा किए जा चुके हैं और शेष पात्रों के खाते में आगामी 15 दिन में धनराशि भेज दी जाएगी।