दिल्ली हाई कोर्ट का कड़ा रुख, कहा- नीरव से कहो, भारत वापस आएं
न्यायमूर्ति एस मुरलीधर व न्यायमूर्ति आइएस मेहता की पीठ ने कहा कि अगर हमें बारीकी में नहीं जाना चाहिए तो नीरव मोदी को कहो कि वह भारत वापस आएं।
नई दिल्ली [जेएनएन]। करीब 11500 करोड़ रुपये के पीएनबी घोटाले के मामले में आरोपी उद्यमी नीरव मोदी और मेहुल चोकसी की कंपनी की दलीलों पर हाई कोर्ट ने कड़ा रुख अख्तियार किया है। कंपनी के वकील ने दलील दी कि कोर्ट को याचिका की बारीकी के आधार पर नीरव मोदी को राहत देने से इन्कार नहीं करना चाहिए। इस पर न्यायमूर्ति एस मुरलीधर व न्यायमूर्ति आइएस मेहता की पीठ ने कहा कि अगर हमें बारीकी में नहीं जाना चाहिए तो नीरव मोदी को कहो कि वह भारत वापस आएं।
नीरव मोदी और मेहुल चोकसी की कंपनी फायरस्टार डायमंड और फायरस्टार इंटरनेशनल की तरफ से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा की गई कार्रवाई को लेकर दायर चुनौती याचिका पर सुनवाई करते हुए पीठ ने कहा कि नीरव मोदी ने बयान दिया है कि वह भारतीय एजेंसी व कोर्ट के अधिकार क्षेत्र में नहीं है। इसका मतलब हम उनके हिसाब से एक भगोड़े से डील कर रहे हैं।
जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं
वहीं, ईडी की तरफ से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल संदीप सेठी व केंद्र सरकार की तरफ से वकील अमित महाजन ने कहा कि मेहुल चोकसी को कोई राहत नहीं दी जानी चाहिए, क्योंकि वह न सिर्फ भाग रहे हैं, बल्कि जांच में भी सहयोग नहीं कर रहे हैं।
ईडी की कार्रवाई को चुनौती
ज्ञात हो कि 11500 करोड़ रुपये के पीएनबी घोटाले मामले में सीबीआइ, ईडी और कई अन्य एजेंसिया नीरव मोदी, मेहुल चोकसी समेत कई आरोपियों के खिलाफ जांच कर रही हैं। मेहुल चोकसी की फर्म गीतांजलि जेम्स ने ईडी की कार्रवाई को चुनौती देते हुए कहा है कि ईडी उनकी संपत्तियों को जब्त नहीं कर सकती है। वहीं, ईडी गीतांजलि के शोरूम से करोड़ों रुपये की ज्वैलरी जब्त कर चुकी है।
यह भी पढ़ें: देश की राजनीति में चाय और पकौड़े के बाद अब गरमा-गरम छोले भटूरे