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सीएचआरआइ की याचिका पर सीलबंद लिफाफे में जवाब दाखिल करे केंद्र, हाई कोर्ट ने की इजाजत

केंद्र की तरफ से पेश हुए स्टैंडिंग काउसंल अनिल सोनी ने कहा कि सूचना को गोपनीय दस्तावेज के तहत से साझा किया जा सकता है। यह गोपनीय दस्तावेज है और सरकार इसे सीलबंद लिफाफे में देना चाहती है। इस पर पीठ ने कहा कि आप जैसे देना चाहते हैं दीजिये।

By Mangal YadavEdited By: Published: Tue, 27 Jul 2021 06:05 AM (IST)Updated: Tue, 27 Jul 2021 07:36 AM (IST)
सीएचआरआइ की याचिका पर सीलबंद लिफाफे में जवाब दाखिल करे केंद्र, हाई कोर्ट ने की इजाजत
सीएचआरआइ ने की है केंद्र सरकार द्वारा जारी निलंबन आदेश को रद करने की मांग

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। पंजीकरण निलंबित करने के खिलाफ राष्ट्रमंडल मानवाधिकार पहल (सीएचआरआई) की याचिका पर केंद्र सरकार को सीलबंद लिफाफे में जवाब दाखिल करने की अनुमति दी है। हालांकि, सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ ने सवाल उठाते हुए केंद्र सरकार के अधिवक्ता से इस तरह से जवाब दाखिल करने के पीछे का कारण पूछा। पीठ ने कहा कि इसमें क्या गोपनीयता है। पीठ ने कहा हम निलंबन पर विचार नहीं कर रहे हैं, लेकिन अतंरिम राहत पर बात कर रहे हैं।

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केंद्र सरकार की तरफ से पेश हुए स्टैंडिंग काउसंल अनिल सोनी ने कहा कि सूचना को गोपनीय दस्तावेज के तहत से साझा किया जा सकता है। यह गोपनीय दस्तावेज है और सरकार इसे सीलबंद लिफाफे में देना चाहती है। इस पर पीठ ने कहा कि आप जैसे देना चाहते हैं दीजिये। मामले में अगली सुनवाई 29 जुलाई को होगी।

180 दिन के लिए सीएचआरआइ का पंजीकरण निलंबित करने गृह मंत्रालय के आदेश को संगठन ने चुनौती दी है। संगठन ने कहा कि सीएचआरआइ के पंजीकरण का निलंबन विदेशी योगदान (विनियमन) अधिनियम (एफसीआरए अधिनियम)-2010 के कथित उल्लंघनों के खिलाफ नहीं था। सीएचआरआइ ने सात जून के निलंबन आदेश को पूरी तरह से गलत, मनमाना बताते हुए रद करने की मांग की है।


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