Delhi govt vs LG: शीला ने केजरीवाल को दी नसीहत कहा- लड़ने से नहीं होगा अधिकारों का फैसला
दिल्ली की कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शीला दीक्षित ने भी सप्रीम कोर्ट के फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि संविधान में भी दिल्ली के अधिकारों को बताया है, यह असीमित नहीं है।
नई दिल्ली। दिल्ली की कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शीला दीक्षित ने भी सप्रीम कोर्ट के फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि संविधान में भी दिल्ली के अधिकारों को बताया है, यह असीमित नहीं है। केंद्र सरकार, गवर्नर और गृह मंत्रालय भी कई सारी चीजें देखती हैं। इसलिए लड़ने-झगड़ने से कुछ नहीं होगा। इसलिए अगर जरूरत हो तो बदलाव किया जा सकता है। आप कितनी सीटें लेकर आते हैं इस बात का इससे कोई लेना देना नहीं है।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। ज्यादातर फैसले केंद्र के पक्ष में जाने पर सीएम केजरीवाल ने कहा कि अगर सरकार अपने अधिकारियों का ट्रांसफर नहीं कर सकती है, तो सरकार काम कैसे करेगी? उन्होंने इशारों-इशारों में भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि जिस पार्टी (AAP) के पास 67 सीटें हैं उसके पास कोई अधिकार नहीं है, जबकि तीन सीट जीतने वाली पार्टी के पास सारे अधिकार हैं।
ये है मामला
यहां पर बता दें कि दिल्ली में अधिकारों को लेकर बृहस्पतिवार को सुनवाई हुई। इस दौरान दोनों जजों में एक राय नहीं बनने पर सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय राजधानी में सेवाओं के नियंत्रण पर अपना खंडित फैसला बड़ी बेंच के पास भेज दिया है। इसके अलावा दो सदस्यीय पीठ भ्रष्टाचार रोधी शाखा (ACB), राजस्व, जांच आयोग और लोक अभियोजक की नियुक्ति के मुद्दे पर सहमत हुई। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने केंद्र की उस अधिसूचना को बरकरार रखा है, जिसमें दिल्ली सरकार का एसीबी भ्रष्टाचार के मामलों में उसके कर्मचारियों की जांच नहीं कर सकता है। एसीबी पहले की तरह केंद्र सरकार के ही अधीन रहेगी, क्योंकि पुलिस केंद्र के पास है।