दिल्ली सरकार ने एक करोड़ युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए यूनिसेफ के साथ किया समझौता
मनीष सिसोदिया ने कहा कि आज पूरी दुनिया एक असाधारण स्थिति से गुजर रही है। इसलिए हमें भी ऐसे मौके पर असाधारण कदम उठाने होंगे। उन्होंने यूनिसेफ के साथ एमओयू को युवाओं के लिए रोजगार का वैक्सीन बताया।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा है कि आज के दौर में रोजगार के अवसर बढ़ाना पूरी दुनिया के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि आज पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा चर्चा दो बातों पर हो रही है। पहली बात यह कि कोरोना का वैक्सीन कब आएगा। दूसरी बात यह कि लोगों को रोजगार कैसे मिलेगा। सिसोदिया ने कहा कि कोरोना वैक्सीन की तरह युवाओं के लिए रोजगार का उपाय करना भी जरूरी है। इसके लिए दिल्ली सरकार लगातार गंभीर कदम उठा रही है।
मनीष सिसोदिया ने दिल्ली सचिवालय में बृहस्पतिवार यूनिसेफ के साथ एमओयू हस्ताक्षर के दौरान यह बात कही। उन्होंने कहा कि यह साझेदारी हमारी दृढ़ राजनीतिक इच्छाशक्ति का परिणाम है क्योंकि हम युवाओं को अपनी उत्पादक क्षमता का सर्वोत्तम उपयोग करते हुए देश और समाज की सेवा के पर्याप्त अवसर देना चाहते हैं।
सिसोदिया ने कहा कि आज पूरी दुनिया एक असाधारण स्थिति से गुजर रही है। इसलिए हमें भी ऐसे मौके पर असाधारण कदम उठाने होंगे। उन्होंने यूनिसेफ के साथ एमओयू को युवाओं के लिए रोजगार का वैक्सीन बताया। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस साझेदारी से दिल्ली के बेरोजगार युवाओं को उनकी योग्यता के अनुरूप रोजगार मिलने के साथ ही उद्यमियों को भी उनकी जरूरत के अनुसार मैनपावर हासिल करने में मदद मिलेगी।
इस साझेदारी को दिल्ली के युवाओं के लिए खुशखबरी बताते हुए उपमुख्यमंत्री ने कहा कि देश अभी बेरोजगारी और कोरोना के रूप में दो बड़ी चुनौतियों का सामना कर रहा है। पूरी दुनिया कोविड-19 के वैक्सीन का इंतजार कर रही है, लेकिन बेरोजगारी की समस्या का समाधान किसी साधारण वैक्सीन से नहीं हो सकता है। बेरोजगारी के समाधान के लिए हमें विभिन्न प्रयासों के माध्यम से एक साथ आने की जरूरत है। श्री सिसोदिया ने कहा कि इस दिशा में आज दिल्ली सरकार और यूनिसेफ की 'युवा' पहल के बीच एमओयू एक बड़ा कदम है। श्री सिसोदिया ने उम्मीद जताई कि रोजगार पोर्टल को अधिक प्रभावी बनाकर युवाओं को जॉब उपलब्ध कराने की दिशा में ‘युवा‘ और यूनिसेफ की विशेषज्ञता का लाभ मिलेगा।
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