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CBSE Class 10th Result 2020: जिम्मेदारियों की गठरी को उठाकर अनामिका ने पाई सफलता

CBSE Class 10th Result 2020 अनामिका ने बताया कि पिछले आठ वर्षों से उनकी मां ठीक से चल भी नहीं पा रही हैं उन्हें सहारा देना पड़ता है।

By Mangal YadavEdited By: Published: Thu, 16 Jul 2020 05:08 PM (IST)Updated: Thu, 16 Jul 2020 05:08 PM (IST)
CBSE Class 10th Result 2020: जिम्मेदारियों की गठरी को उठाकर अनामिका ने पाई सफलता
CBSE Class 10th Result 2020: जिम्मेदारियों की गठरी को उठाकर अनामिका ने पाई सफलता

नई दिल्ली [रितु राणा]। जीवन एक संघर्ष है और  हर मुश्किल जिंदगी में एक इम्तिहान होता है,  इन इम्तिहानों में सफल होकर विजय पार्क स्थित राजकीय सर्वोदय कन्या विद्यालय की छात्रा अनामिका ने 10वीं की परीक्षा में 94 फीसद अंक प्राप्त कर स्कूल टॉप किया है। किसी विद्वान ने कहा है कि मन के हारे हार है, मन के जीते जीत....यह पंक्तियों अनामिका के जीवन संघर्ष की कहानी पर सटीक बैठती हैं।अनामिका के उत्तर-पूर्वी दिल्ली के दंगा प्रभावित इलाके में रहती हैं। लेकिन वह जरा भी नहीं घबराई बल्कि इस डर का सामना करके वह परीक्षा देने गई। 

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अनामिका ने बताया कि जब दंगे हो रहे थे तब वह सोचती थी कि बस अच्छे से परीक्षा दे आऊं तब अंकों की चिंता नहीं होती थी, पर मन में विश्वास था कि वह जरूर अपने घर व स्कूल का नाम रोशन करेंगी।

घर की जिम्मेदारियों के साथ पढ़ाई के लिए भी निकाला समय

अनामिका की मां उमा शर्मा 2012 से बीमार हैं, वह सर्वाइकल से पीड़ित हैं। 2004 से 2012 के बीच उनके चार ऑपरेशन हो चुके हैं, लेकिन  उसके बाद से वह बेड पर ही रहती हैं, वह खुद चल पाती हैं न कोई काम कर पाती हैं।  ऐसे में अनामिका मां की लाठी बन घर की जिम्मेदारियों की गठरी को अपने कंधे पर रखा। उनके पिता सतीश शर्मा निजी कंपनी में काम करते हैं। उन्होंने बताया कि अनामिका उनके साथ मिलकर घर के सारे काम करती है। बावजूद इसके उसने स्कूल और पढ़ाई पर पूरा ध्यान दिया।

डॉक्टर बनने की चाहत

अनामिका ने बताया कि पिछले आठ वर्षों से उनकी मां ठीक से चल भी नहीं पा रही हैं, उन्हें सहारा देना पड़ता है। ऐसे में उनकी यह हालत देख अनामिका ने यह ठाना कि वह डॉक्टर बनेंगी और बीमार लोगों की सेवा करेंगी।

बता दें कि सीबीएसई की दसवीं के परीक्षा परिणाम बुधवार को घोषित हुए थे। दिल्ली जोन में अलग-अलग श्रेणी की बात करें तो उनमें भी सकारात्मक सुधार हुआ है। पिछले साल जहां सरकारी स्कूलों का पास फीसद 71.97 था, वहीं इस बार ओवरऑल 82.82 पर पहुंच गया है। वहीं, सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में पिछले साल पास फीसद 74.13 था, जोकि इस बार बढ़कर 76.47 हो गया।

ज्यादा बच्चों को आई कंपार्टमेंट

18 लाख 73 हजार 15 छात्रों ने इस साल दी परीक्षा दी। इसमें 1 लाख 50 हजार 198 छात्रों को कंपार्टमेंट आई। वहीं पिछले साल 1 लाख 38 हजार 705 छात्रों को कंपार्टमेंट आई थी।


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