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दिल्ली सरकार की बड़ी लापरवाही, दो माह में आपको भुगतना पड़ सकता है परिणाम

केंद्र की पहल पर हरियाणा, पंजाब व यूपी में पराली निस्तारण के लिए किसानों तक मशीनें पहुंच रही हैं। वहीं दिल्ली सरकार अभी तक ऐसे किसानों की सूची तक नहीं बना सकी है।

By Amit SinghEdited By: Published: Tue, 18 Sep 2018 07:10 PM (IST)Updated: Tue, 18 Sep 2018 07:10 PM (IST)
दिल्ली सरकार की बड़ी लापरवाही, दो माह में आपको भुगतना पड़ सकता है परिणाम
दिल्ली सरकार की बड़ी लापरवाही, दो माह में आपको भुगतना पड़ सकता है परिणाम

नई दिल्ली (संजीव गुप्ता)। पराली के प्रदूषण पर जब तब पंजाब और हरियाणा सरकार को घेरने वाली दिल्ली की आप सरकार स्वयं कितनी गंभीर है, इसका एक और नमूना सामने आया है। केंद्र सरकार की पहल पर हरियाणा, पंजाब एवं उत्तर प्रदेश में जहां पराली निस्तारण के लिए किसानों तक मशीनें भी पहुंच रही हैं और उनके लिए इस संबंध में प्रशिक्षण कार्यक्रम भी शुरू हो गए हैं। वहीं दिल्ली सरकार अभी तक ऐसे किसानों की सूची तक नहीं बना सकी है। यही वजह है कि दिल्ली को इस दिशा में फंड भी जारी नहीं हो पाया है।

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कुछ ऐसी है स्थिति

केंद्रीय कृषि मंत्रालय की ओर से पराली प्रभावित राज्यों से किसानों की संख्या और इससे संबंधित आंकड़े मांगे गए थे। यह भी पूछा गया था ऐसे कितने किसान हैं जिन्हें पराली निस्तारण के लिए उच्च मशीनों की आवश्यकता है। अन्य राज्यों ने तो इस पर जानकारी दे दी, लेकिन दिल्ली सरकार की ओर से माकूल जबाव नहीं दिया गया। नतीजा, दिल्ली में योजना परवान ही नहीं चढ़ पाई है। कृषि मंत्रालय के मुताबिक दिल्ली सरकार की लापरवाही से दिल्ली को अब तक इस योजना से संबंधित फंड भी नहीं दिया जा सका है।

पड़ोसी राज्यों में गति पकड़ रही योजना

कृषि मंत्रालय के मुताबिक पंजाब में अभी तक 2,163 किसानों को पराली निस्तारण का प्रशिक्षण दिया जा चुका है। वहीं हरियाणा में करीब दस हजार किसानों का प्रशिक्षण पूरा हो चुका है। उत्तर प्रदेश में भी किसानों को पराली निस्तारण की मशीनों के उपयोग की जानकारी दी जा रही है। इसी प्रकार भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की ओर से भी 5396 किसानों को पराली निस्तारण के लिए प्रशिक्षण दिया जा चुका है। हैप्पी सीडर, पैडी चौपर, रोटावेटर जैसी मशीनों के माध्यम से पराली का निस्तारण किया जाएगा।

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री अभी भी दूसरों को भेज रहे चिट्ठी

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री इमरान हुसैन ने चार दिन पूर्व ही पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, उत्तर प्रदेश के पर्यावरण मंत्री दारा सिंह चौहान, राजस्थान के पर्यावरण मंत्री गजेंद्र सिंह और हरियाणा के पर्यावरण मंत्री विपुल गोयल को पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने लिखा है कि अक्टूबर व नवंबर माह में दिल्ली के प्रदूषण स्तर में खासी वृद्धि हो जाती है। इसकी वजह है इन राज्यों में पराली जलाना। इसलिए इन सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से अनुरोध किया गया है कि वे आपने अधिकारियों को प्रदूषण को कम करने संबंधी तैयारी करने का आदेश दें ताकि राजधानी में अक्टूबर में प्रदूषण स्तर में इजाफा न हो।

पंजाब-हरियाणा में किसानों को मिलीं नई मशीनें

पंजाब में पराली निस्तारण के लिए किसानों की मदद के लिए सहकारी समितियों को 704 मशीनें मुहैया करा दी गई हैं। इसके साथ ही किसानों के 20 समूहों को भी मशीनें मुहैया कराई गई हैं। हरियाणा में 3491 किसानों को चिह्नित किया जा चुका है जिसमें 883 किसानों को मशीन मुहैया करा दी गई है। उत्तर प्रदेश में 50 फीसद किसानों को सूचीबद्ध किया गया है। अब सिर्फ दिल्ली की ही जानकारी तैयार नहीं हो सकी है।

केजरीवाल ने ही उठाई थी पराली निस्तारण की मांग

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ही सबसे पहले पराली निस्तारण की वजह से दिल्ली में होने वाले प्रदूषण के मामले को उठाया था। इसके बाद ही प्रधानमंत्री कार्यालय और कृषि मंत्रालय की देखरेख में इस साल से मशीनों के जरिये पराली निस्तारण की योजना बनाई गई। अब जबकि योजना पर काम चल रहा है तो स्वयं केजरीवाल सरकार ही उदासीनता बरत रही है।


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