गरीबों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए दिल्ली सरकार करेगी पहल, हुनर की तालीम से मिटाएंगे गरीबी
दिल्ली सरकार ने राजधानी को समृद्ध और सशक्त बनाने के लिए गरीबों को आत्मनिर्भर बनाने की पहल करने जा रही है। इसके तहत आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को हुनरमंद बनाने का प्रयास किया जाएगा। इसके लिए बकायदा उन्हें प्रशिक्षण देकर रोजगार दिलाने का प्रयास किया जाएगा।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने राजधानी को समृद्ध और सशक्त बनाने के लिए गरीबों को आत्मनिर्भर बनाने की पहल करने जा रही है। इसके तहत आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को हुनरमंद बनाने का प्रयास किया जाएगा। इसके लिए बकायदा उन्हें प्रशिक्षण देकर रोजगार दिलाने का प्रयास किया जाएगा। इसके अलावा गरीबी उन्मूलन को लेकर दिल्ली सरकार नए साल में कई अन्य कदम भी उठाने जा रही है।
इसके तहत लघु और कुटीर उद्योग के जरिये भी महिलाओं और गरीबों को आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश की जाएगी। गरीबों के स्वास्थ्य बीमा के साथ रोजगार मेला भी कुछ इसी तरह का प्रयास है, जिसमें अधिक संख्या में गरीब मुख्य धारा में शामिल हो सकेंगे।
रैन बसेरों में शुरू होंगे स्किल सेंटर
दिल्ली के अलग-अलग इलाके में बनाए गए रैन बसेरों में रहने वाले बेघरों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार स्किल सेंटर शुरू करेगी। इसमें बेघर लोगों को मन मुताबिक अलग-अलग काम करने के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। यहां बेघरों को इलेक्ट्रीशियन, प्लंबर, मोमबत्ती बनाने, टेलरिंग आदि काम सिखाया जाएगा। प्रशिक्षण पूरा होने के बाद बेघर चाहेंगे तो स्वरोजगार के लिए सरकार उन्हें वित्तीय सहायता प्रदान कराएगी। कोरोना का असर कम होते ही इन्हें शुरू कर दिया जाएगा।
आर्थिक रूप से कमजोर लोग होंगे सशक्त
दिल्ली सरकार आर्थिक रूप से कमजोर व गरीब लोगों को चिकित्सा सुविधाओं के मामले में भी सशक्त बनाएगी। इसके लिए राजधानी में यूनिवर्सल हेल्थ केयर योजना शुरू होने जा रही है। इसके तहत लाखों गरीब परिवारों को स्वास्थ्य बीमा सरकार उपलब्ध कराएगी। आर्थिक रूप से कमजोर लोगों का बीमा प्रीमियम सरकार भरेगी।
बढ़ेगी आर्थिक मदद पाने वालों की संख्या
दिल्ली सरकार ने पेंशन एक हजार रुपये की वृद्धि का फैसला कुछ साल पहले लिया था। इससे बुजुर्ग, विधवा और दिव्यांगों को अब डेढ़ हजार के स्थान पर 2500 रुपये पेंशन मिल रही है। इस साल में इसके लिए लोगों की संख्या बढ़ाई जाएगी, जिससे अधिक से अधिक लोगों को इसका लाभ मिल सके।
रोजगार मेला
रोजगार मेला लगाकर भी इस वर्ष अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार देने का प्रयास होगा। इसके पहले भी इस तरह के दो आयोजन हो चुके हैं। इसमें कई हजार युवाओं को रोजगार मिल चुका है। इस वर्ष यह आयोजन फरवरी-मार्च में करने की योजना बन रही है। उम्मीद है कि इस मेले से भी 15-से 20 हजार युवाओं को रोजगार मिलेगा।
गरीबों को मिलेगा तीन बार भोजन
दिल्ली सरकार बेघरों को दो समय का भोजन दे रही है। उन्हें दोपहर का भोजन मिल रहा है और शाम का भोजन भी दिया जा रहा है। यह व्यवस्था सभी 276 रैन बसेरों में जारी है। इसी माह से बेघरों को सुबह का नाश्ता और दो टाइम का भोजन दिए जाने की उम्मीद है।
गरीब बच्चों को मिलेगा लाभ
दिल्ली सरकार ने कैबिनेट में फैसला लेकर गरीबों के बच्चों को आइआइटी, मेडिकल सहित अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में बैठने के लिए तैयारी कराने की योजना शुरू की है। इस योजना से सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले साधनहीन कई बच्चों का दाखिला आइआइटी, मेडिकल में हुआ है। सरकार के प्रयास से कई कारोबारी भी इन गरीब बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठाने के लिए आगे आ रहे हैं। इस साल इस योजना को और तेजी से आगे बढ़ाया जाएगा।
बेघरों के रहने की व्यवस्था होगी बेहतर
एक अनुमान के अनुसार दिल्ली में 56 हजार बेघर अलग-अलग इलाके में रहते हैं। इनमें वह लोग शामिल नहीं है, जो रिक्शा व रेहड़ी पर खुले आसमान के नीचे रात बिताते हैं। ऐसे लोगों के लिए रैन बसेरा बनाए गए हैं। स्थायी और अस्थायी रैन बसेरों को मिलाकर अभी 276 रैन बसेरा हैं। जहां 6 हजार से अधिक बेघरों के रहने के इंतजाम हैं। रैन बसेरे की देखभाल करने वाले दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डूसिब) के अधिकारियों का कहना है कि रैनबसेरों में सुविधाएं इस साल और बेहतर की जाएंगी। इसी साल चार हजार चारपाई खरीदी जाएंगी।
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