वायु प्रदूषण के खिलाफ दिल्ली सरकार की जंग शुरू, आज से खेतों में छिड़का जाएगा बायो डिकंपोजर
इस बार दिल्ली में चार हजार एकड़ से अधिक एरिया में पराली गलाने के लिए इस घोल का छिड़काव करने की तैयारी की हुई है जबकि पिछले साल करीब दो हजार एकड़ में ही छिड़काव किया गया था।
नई दिल्ली [वीके शुक्ला]। वायु प्रदूषण से जंग में केजरीवाल सरकार सोमवार से दिल्ली के खेतों में पराली गलाने के लिए बायो डिकंपोजर घोल के छिड़काव की शुरुआत करेगी। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि इस अभियान की शुरुआत नरेला विधानसभा के फतेहपुर जट गांव से की जाएगी। इस बार दिल्ली में चार हजार एकड़ से अधिक एरिया में पराली गलाने के लिए इस घोल का छिड़काव करने की तैयारी की हुई है, जबकि पिछले साल करीब दो हजार एकड़ में ही छिड़काव किया गया था। दिल्ली सरकार 24 सितंबर से पूसा इंस्टीट्यूट के सहयोग से खरखरी नाहर में बायो डिकंपोजर का घोल तैयार करा रही है।
गोपाल राय ने बताया कि अरविंद केजरीवाल सरकार ने केंद्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (Central Air Quality Management Commission) को भी बायो डिकंपोजर को लेकर अपील की थी, ताकि पड़ोसी राज्यों को पराली जलाने के बजाय उसे समाप्त करने के लिए इसी का उपयोग करने का निर्देश दिया जा सके। इस पर आयोग द्वारा बायो डिकंपोजर के प्रयोग के बाद उसके प्रभाव का थर्ड पार्टी इम्पैक्ट एसेसमेंट (मूल्यांकन) की इच्छा जताई थी।
थर्ड पार्टी आडिट में निकला था यह परिणाम
- 90 फीसद किसानों ने कहा है कि बायो डिकंपोजर के छिड़काव के बाद 15 से 20 दिनों में पराली गल जाती है, जबकि पहले पराली को गलाने में 40-45 दिन लगते थे।
- पहले किसानों को गेहूं की बोआई से पहले छह-सात बार खेत की जुताई करनी पड़ती थी, जबकि बायो डिकंपोजर के छिड़काव के बाद केवल एक से दो बार ही खेत की जुताई करनी पड़ी।
- मिट्टी में आर्गेनिक कार्बन की मात्र पांच फीसद से बढ़कर 42 फीसद हो गई है।
- मिट्टी में नाइट्रोजन मात्र 24 फीसद तक बढ़ गई है।
- मिट्टी में वैक्टीरिया की संख्या और फंगल (कवकों) की संख्या में क्रमश: सात और तीन गुना की उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
- मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार के कारण गेहूं के बीजों का अंकुरण 17 फीसद से बढ़कर 20 फीसद हो गया।
- 45 फीसद किसानों ने यह स्वीकार किया है कि बायो डिकंपोजर के इस्तेमाल के बाद डीएपी खाद की मात्र पिछले वर्ष की तुलना में 46 किलोग्राम प्रति एकड़ से घटाकर 36-40 किलोग्राम प्रति एकड़ हो गई है।
- बायो डिकंपोजर के छिड़काव के बाद मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ गई, जिसके चलते गेहूं की उपज पांच फीसद बढ़कर आठ फीसद हो गई।
सड़कों के किनारे बढ़ाई जाएगी हरियाली
धूल उड़ने से होने वाले वायु प्रदूषण को कम करने के लिए दिल्ली सरकार सड़कों के किनारे हरियाली बढ़ाएगी। सड़कों और फ्लाईओवर को सुंदर बनाने के लिए कम से कम 42,000 पौधों और झाड़ियों का इस्तेमाल किया जाएगा। लोक निर्माण विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि कई फ्लाईओवर और सड़कें हैं जहां हरियाली कम है, जिसके परिणामस्वरूप धूल उड़ती है। रिंग रोड, चिराग दिल्ली फ्लाईओवर, आइआइटी फ्लाईओवर आदि पर हरियाली बढ़ाने की योजना है। हम सजावटी और मौसमी फूलों के पौधों, झाड़ियों को सड़कों और फ्लाईओवर के लिए उपयोग करेंगे।