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शराब का पव्वा बंद न करने के लिए HC पहुंची याचिका, क्वार्टर के पक्ष में दिये ये तर्क; सरकार भी हैरान

याचिकाकर्ता का कहना है कि दिल्ली में पौव्वा बंद नहीं किया जाना चाहिए। उसने हैरान करने वाले तर्क देते हुए कहा कि पौव्वा शराब को कहीं भी पीया जा सकता है इसके साथ इसे परिवार के बड़े-बुजुर्गों से छिपाना भी आसान है।

By Jp YadavEdited By: Published: Wed, 01 Dec 2021 01:21 PM (IST)Updated: Thu, 02 Dec 2021 08:10 AM (IST)
शराब का पव्वा बंद न करने के लिए HC पहुंची याचिका, क्वार्टर के पक्ष में दिये ये तर्क; सरकार भी हैरान
पौव्वा के पक्ष में शख्स ने HC में दिया अजीब तर्क, दिल्ली सरकार भी हुई हैरान

नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट पहुंचे शख्स ने पौव्वा बेचने के पक्ष में अजीबोगरीब तर्क दिए हैं। याचिकाकर्ता का कहना है कि दिल्ली में पौव्वा बंद नहीं किया जाना चाहिए। उसने हैरान करने वाले तर्क देते हुए कहा कि पौव्वा शराब को कहीं भी पीया जा सकता है, इसके साथ इसे परिवार के बड़े-बुजुर्गों से छिपाना भी आसान है। बताया जा रहा है कि याचिकाकर्ता के इस तर्क पर दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी की ओर से भी हैरान जताई गई है। कहा जा रहा है कि दिल्ली में पौव्वे पर कोई रोक ही नहीं लगाई गई है तो यह याचिका क्यों?

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याचिकाकर्ता के वकील अरुण मोहन ने दिल्ली सरकार की आबकारी नीति का विरोध करते हुए तर्क दिया है कि  गरीब लोगों का इससे नुकसान होगा। इसके पक्ष में तर्क देते हुए कहा कि गरीब लोग महंगी बोतल खरीद नहीं खरीद पाएं, क्योंकि शराब की दुकानों पर छोटी क्वार्टर की बोतलें उपलब्ध ही नहीं होंगी। जाहिर है कि दिल्ली में रहने वाले एक तबके को सस्ती शराब नहीं मिल पाएगी, क्योंकि आर्थिक रूप से सुदृढ़ नहीं होने के चलते ऐसे लोग सिर्फ पौव्वा खरीदने की क्षमता ही रखते हैं। वहीं, याचिकाकर्ता की दलील पर दिल्ली सरकार भी हैरान है। सूत्रों का कहना है कि दिल्ली सरकार तर्क दे रहे हैं कि दिल्ली में पौव्वा तो बैन ही नहीं किया गया है। 

यहां पर बता दें कि दिल्ली सरकार की नई नीति के खिलाफ कई याचिकाएं दिल्ली हाई कोर्ट में दायर की गई हैं। इसी में से एक याचिकाकर्ता के वकील अरुण मोहन ने शराब पीने की कानूनी उम्र को कम करने के प्रावधान को चुनौती दी है। उनका तर्क है कि दिल्ली की नई शराब नीति सिर्फ टैक्स से कमाई बढ़ाने और निजी दुकानदारों को फायदा पहुंचाने के लिए है। इस मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने आबकारी नीति संबंधी मामलों की सुनवाई सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी है।


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