Ban Child Labour: 200 से अधिक बाल मजदूरों को छुड़ाया गया, छापेमारी अब भी जारी; HC से बोली दिल्ली सरकार
Ban Child Labour दिल्ली हाई कोर्ट को सोमवार को सूचित किया गया कि राष्ट्रीय राजधानी में बाल श्रमिक के तौर पर काम कर रहे 200 से अधिक बच्चों को छुड़ाया गया और आगे की छापेमारी जारी है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली हाई कोर्ट को सोमवार को सूचित किया गया कि राष्ट्रीय राजधानी में बाल श्रमिक के तौर पर काम कर रहे 200 से अधिक बच्चों को छुड़ाया गया और आगे की छापेमारी जारी है। मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सचिन दत्ता की पीठ ने दिल्ली सरकार के अधिवक्ता को मामले में एक और स्थिति रिपोर्ट दायर करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया और इसे चार मई को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया।
उच्च न्यायालय गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) ‘बचपन बचाओ आंदोलन’ की याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसने दिसंबर 2019 में दिल्ली के अनाज मंडी इलाके में एक कारखाने में आग लगने के बाद याचिका दायर की थी। आग लगने की घटना में कई नाबालिगों समेत 40 से अधिक लोग मारे गए थे।
NGO ने की थी ये मांग
एनजीओ ने तस्करी और बाल श्रम के नजरिए से जांच करने के लिए अधिकारियों को निर्देश देने की मांग की थी। एनजीओ पैरवी करने वाली अधिवक्ता प्रभसहाय कौर ने सुनवाई के दौरान कहा कि 11 जनवरी के बाद से दिल्ली के विभिन्न कारखानों से बाल मजदूरों को बचाने में “अभूतपूर्व सफलता” मिली है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने 200 से अधिक बच्चों को बचाया है और एनजीओ द्वारा दर्ज की गई 183 शिकायतों में से अधिकतर में अधिकारियों ने कार्रवाई की है। दिल्ली सरकार के वकील ने अदालत को बताया कि पहले के एक आदेश के अनुपालन में मामले के मद्देनजर एक स्थिति रिपोर्ट दायर की गई और कहा कि छापेमारी की प्रक्रिया अब भी जारी है।
दिल्ली सरकार ने अपनी स्थिति रिपोर्ट में कहा है कि आठ दिसंबर, 2019 को लगी आग में 45 लोग मारे गए और 17 घायल हुए थे। हादसे में जान गंवाने वाले 45 लोगों के निकट संबंधियों को 10-10 लाख और घायलों को एक-एक लाख की मुआवजा राशि दी गई है। चार लोगों की जानकारी मिली है, उन्हें राशि प्रदान की जाने की प्रक्रिया चल रही है।