बिना वीडियोग्राफी के ही ले रहे थे ड्राइविंग टेस्ट, दिल्ली सरकार ने 3 एमएलओ को किया निलंबित
परिवहन विभाग की सिफारिश पर मुख्य सचिव विजय देव ने तीनों के निलंबन की कार्रवाई की है। इसके साथ ही अन्य अथॉरिटी में तैनात सभी एमएलओ को भी बदल दिया गया है।
नई दिल्ली [वीके शुक्ला]। कोरोना काल के दौरान तीन अथॉरिटी (क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय) में बगैर वीडियोग्राफी के ही ड्राइविंग टेस्ट लेने के मामले में दिल्ली सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए तीन मोटर लाइसेंसिंग अधिकारी (एमएलओ) को निलंबित कर दिया है। निलंबित होने वाले एमएलओ में नई दिल्ली के संपत नायक, सूरजमल विहार के एस.पी. सिंह व वसंत विहार के एम. जानसन शामिल हैं। तीनों के खिलाफ विभागीय जांच बैठा दी गई है। इस घपले में नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर (एनआइसी) के लोगों के शामिल होने और उनकेद्वारा सॉफ्टवेयर से छेड़छाड़ की भी आशंका है। इसके मद्देनजर परिवहन विभाग ने एनआइसी के महानिदेशक को सतर्कता जांच के लिए पत्र लिखा है।
परिवहन विभाग की सिफारिश पर मुख्य सचिव विजय देव ने तीनों के निलंबन की कार्रवाई की है। इसके साथ ही अन्य अथॉरिटी में तैनात सभी एमएलओ को भी बदल दिया गया है। अनिल चिकारा को सूरजमल विहार अथॉरिटी की जिम्मेदारी दी है। चिकारा झुलझ़ुली ऑटोमेटेड फिटनेस मेंटर में तैनात हैं। राकेश कुमार को वसंत विहार का एमएलओ बनाया गया है। कुमार सराय काले खां में तैनात हैं। केयरटेकिंग विभाग के विक्रांत को नई दिल्ली अथॉरिटी को एमएलओ बनाया गया है। इसके अलावा मगन सिंह बुराड़ी फिटनेस सेंटर से जनकपुरी अथॉरिटी का एमएलओ बनाया गया है।
बुराड़ी फिटनेस सेंटर के राजेश मीना को राजा गार्डन का एमएलओ बनाया गया है। दिनेश कुमार को जनकपुरी से वजीरपुर भेजा गया है। संजय अलावादी को राजा गार्डन से शेख सराय, नंद गोपाल को शेख सराय अथॉरिटी से बुराड़ी फिटनेस सेंटर, अशोक कुमार को वजीरपुर से परिवहन विभाग एआरयू ब्रांच में तथा मुकेश कुमार को एसटीए ब्रांच से सराय काले खां अथॉरिटी का एमएलओ बनाया गया है।
अगस्त में बिना वीडियोग्राफी के एक हजार लोगों के लाइसेंस बनेपरिवहन विभाग ने प्रारंभिक जांच में पाया है कि तीनों एमएलओ ने दूसरे जिलों के लाइसेंस भी बना दिए। अगस्त में बिना वीडियोग्राफी के ही लगभग एक हजार लोगों के लाइसेंस बना दिए गए। इनमें तमाम लाइसेंस दूसरे जोन के हैं। दक्षिणी दिल्ली की वसंत विहार अथॉरिटी द्वारा उत्तरी दिल्ली के बुराड़ी इलाके के भी लाइसेंस बना दिए गए। यहां से कुछ लाइसेंस यमुनापार के कई इलाकों के भी बनाए गए। विभाग का मानना है कि यह बगैर सॉफ्टवेयर से छेड़छाड़ के संभव नहीं है। क्योंकि परिवहन विभाग द्वारा हर अथॉरिटी के लिए पिन कोड दिया गया है जो दूसरी अथॉरिटी के इलाके के पते को नहीं लेगा।
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