दिल्ली सरकार का पेरेंट्स आउटरीज कार्यक्रम हुआ वैश्विक, विदेशी विश्वविद्यालयों में हो रहा शोध
दिल्ली के सरकारी स्कूलों में चल रहा पेरेंट्स आउटरीच कार्यक्रम अब वैश्विक हो गया है। इस कार्यक्रम का अध्ययन ग्लासगो विश्वविद्यालय टिलबर्ग विश्वविद्यालय और किंग्स कालेज लंदन के शोधकर्ताओं द्वारा किया जा रहा है जो कि केआरईए विश्वविद्यालय द्वारा किए जा रहे अध्ययन का हिस्सा है।
नई दिल्ली [राहुल चौहान]। दिल्ली के सरकारी स्कूलों में चल रहा पेरेंट्स आउटरीच कार्यक्रम अब वैश्विक हो गया है। इस कार्यक्रम का अध्ययन ग्लासगो विश्वविद्यालय, टिलबर्ग विश्वविद्यालय और किंग्स कालेज लंदन के शोधकर्ताओं द्वारा किया जा रहा है, जो कि केआरईए विश्वविद्यालय द्वारा किए जा रहे अध्ययन का हिस्सा है। उल्लेखनीय है कि पेरेंट्स आउटरीच कार्यक्रम 28 अक्टूबर को शिक्षा निदेशालय द्वारा शुरू की गई एक पहल है। यह एक ऐसी योजना है जिसमें दिल्ली के सरकारी स्कूल लगभग 35 हजार छात्रों के माता-पिता से जुड़ेंगे ताकि बच्चे बेहतर शिक्षा और बेहतर पालन-पोषण से लाभान्वित हो सकें।
विदेशी शोधकर्ताओं ने यह कहते हुए सरकार से संपर्क किया था कि वे स्कूल प्रबंधन समिति (एसएमसी) के पहलुओं के बारे में जानना चाहते हैं। शिक्षा निदेशालय के अधिकारी के अनुसार संपर्क करने पर शोधकर्ताओं को आउटरीच कार्यक्रम के बारे में बताया गया है। साथ ही सरकार से भी इसके अनुमोदन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। अब विदेशी शोधकर्ता स्कूलों का दौरा करेंगे। दौरा करने वाली टीम में ग्लासगो विश्वविद्यालय, टिलबर्ग विश्वविद्यालय और किंग्स कालेज लंदन के शोधकर्ताओं, अर्थशास्त्रियों और शिक्षाविद शामिल हैं।
ये सभी केआरईए विश्वविद्यालय में अपने स्थानीय प्रोजेक्ट पार्टनर द्वारा फील्डवर्क का प्रतिनिधित्व करते हैं। इन शोधकर्ताओं द्वारा छात्रों के माता-पिता के स्कूल आने और बच्चों के साथ किए गए संवाद का मूल्यांकन कर परिणाम तैयार किया जाएगा। इसके लिए शोधकर्ता छात्रों के पेरेंट्स से संवाद भी करेंगे। साथ ही स्कूल प्रमुख, शिक्षकों और आउटरीच समूह के सदस्यों के साथ साक्षात्कार आयोजित किया जाएगा। इसके बाद आउटरीच कार्यक्रम के प्रभाव का अध्ययन किया जाएगा। शोध में छात्रों और माता-पिता के बीच होने वाली बातचीत पर भी गौर किया जाएगा।