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दिल्ली सरकार के दर्जन विशेषज्ञों पर गिरी गाज, LG ने उठाए थे सवाल

तत्कालीन LG नजीब जंग द्वारा गठित की गई शुंगलू कमेटी की जांच के लिए इन विशेषज्ञों से संबंधित फाइल भी तलब की गई थी। उन पर ऊपर सरकार को लाखों रुपये खर्च करने पड़ रहे थे।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Sun, 29 Jan 2017 11:20 AM (IST)Updated: Sun, 29 Jan 2017 07:51 PM (IST)
दिल्ली सरकार के दर्जन विशेषज्ञों पर गिरी गाज, LG ने उठाए थे सवाल
दिल्ली सरकार के दर्जन विशेषज्ञों पर गिरी गाज, LG ने उठाए थे सवाल

नई दिल्ली [ वीके शुक्ला ] । निर्माण क्षेत्र के विशेषज्ञों की लोक निर्माण विभाग में तैनाती पर विवाद हो जाने पर दिल्ली सरकार ने 12 विशेषज्ञों को हटा दिया है। इनमें आर्किटेक्ट और शहरी योजनाकार (अर्बन डिजाइनर) शामिल हैं।

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बता दें कि दिल्ली सरकार ने विभिन्न परियोजनाओं की प्लानिंग को शीघ्रता से पूरा करने के लिए निर्माण क्षेत्र के 17 विशेषज्ञों की नियुक्ति की थी। इन विशेषज्ञों में पर्यावरण योजनाकार, लैंडस्केप योजनाकर, आर्किटेक्ट (वास्तुक), शहरी योजनाकार, उत्पादन एवं औद्योगिक डिजाइनर व साफ्टवेयर इंजीनियर आदि शामिल थे।

जून के अंतिम सप्ताह तक इन विशेषज्ञों की एक टीम रचनात्मक टीम बनाई गई थी। मगर इस टीम को लेकर सवाल उठ रहे थे कि जब सरकार के पास काबिल विशेषज्ञों की भरमार है तो निजी तौर पर इन विशेषज्ञों की नियुक्ति क्यों की जा रही है।

जबकि इनके ऊपर सरकार को लाखों रुपये खर्च करने पड़ रहे थे। तत्कालीन उपराज्यपाल नजीब जंग द्वारा गठित की गई शुंगलू कमेटी की जांच के लिए इन विशेषज्ञों से संबंधित फाइल भी तलब की गई थी।

उपराज्यपाल के यहां जांच के लिए 400 फाइलें गई थीं। सूत्रों का कहना है कि उनमें से जो फाइलें रोकी गई हैं उनमें इन नियुक्ति से संबंधित फाइल भी शामिल है।

दिल्ली सरकार ने 17 विशेषज्ञों में से 12 को हटा दिया है। जबकि 5 विशेषज्ञ अभी काम कर रहे हैं। कार्यरत में आर्किटेक्ट आशीष डे, शहरी योजनाकार इमरान बाशा, परिदृश्य वास्तुकार लवी सत्या, आर्किटेक्ट मुखर सिंह व औद्योगिक डिजाइनर रमनीत कौर शामिल हैं। हटाए गए विशेषज्ञों को जोड़ ले तो इन पर अभी तक 65 लाख की राशि खर्च की जा चुकी है।

लोक निर्माण विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि आधारभूत परियोजनाओं की परिकल्पना, निष्पादन और संचालन व न्यूनतम निर्माण प्रदूषण आदि विषयों पर विभाग की कोई खास आंतरिक क्षमता नहीं है।

आधारभूत ढांचे में अंतर्राष्ट्रीय सर्वोत्तम परम्पराओं के अध्ययन के उपरांत विभाग को स्पष्ट निविदा (टेंडर) शर्तों के लिए मसौदा तैयार करना होता है। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा व्यावसायिक कार्य है जिसके आंतरिक क्षमता आवश्यक है। इस प्रकार के कार्य के लिए विभाग परामर्शदाताओं पर निर्भर है। इसलिए रचनात्मक टीम का गठन किया गया था। जो एक सही कदम था।


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