AAP सरकार ने MCD को दिए सिर्फ 500 करोड़, BJP बोली- केजरीवाल को लगेगी गरीबों की हाय
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद दिल्ली सरकार ने उत्तरी और पूर्वी नगर निगम को 500 करोड़ की राशि जारी कर दी है, हालात के मद्देनजर यह रकम काफी कम है।
नई दिल्ली (जेएनएन)। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद दिल्ली सरकार ने उत्तरी और पूर्वी नगर निगम को 500 करोड़ की राशि जारी कर दी है। वित्तीय संकट से जूझ रहे दोनों निगमों के लिए यह राशि ऊंट के मुंह में जीरे की तरह ही साबित होगी। उत्तरी एवं पूर्वी दिल्ली नगर निगम लंबे समय से वित्तीय संकट से जूझ रहे हैं, वहीं दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की भी स्थिति बहुत अच्छी नहीं है।
तीनों निगम के दावों के अनुसार, दिल्ली सरकार पर करीब आठ हजार करोड़ रुपये का बकाया हैं। इसमें उत्तरी दिल्ली नगर निगम के करीब 2600 करोड़, पूर्वी दिल्ली नगर निगम के 3277 करोड़ और दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के करीब दो हजार करोड़ रुपये हैं। उत्तरी दिल्ली नगर निगम के महापौर आदेश गुप्ता ने कहा कि दिल्ली सरकार निगमों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। राजनीति के तहत वह निगमों को पंगु बनाकर दिल्ली की जनता को परेशान करना चाहती है।
गरीबों की हाय कर देगी केजरीवाल की राजनीति खत्म
आदेश गुप्ता उत्तरी दिल्ली नगर निगम के महापौर आदेश गुप्ता ने कहा कि दुख की बात है कि निगम को अपना हक लेने के लिए हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई लड़नी पड़ी। जबकि संविधान के अनुसार स्थानीय निकाय को चलाने की जिम्मेदारी दिल्ली सरकार की है।
इसके बावजूद दिल्ली सरकार ने निगम को फंड जारी नहीं किया। उन्होंने कहा कि कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद उत्तरी एवं पूर्वी दिल्ली नगर निगम को 500 करोड़ रुपये की राशि मिली है। गुप्ता ने कहा कि वह मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से अपील करते हैं कि वह निगम के गरीब कर्मियों को परेशान न करें, क्योंकि गरीबों की हाय बहुत बुरी होती है। महापौर ने कहा कि गरीबों की हाय ही केजरीवाल की राजनीति को खत्म कर देगी।
वादा कर मुकरे मुख्यमंत्री
कमलजीत सहरावत दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की नेता सदन कमलजीत सहरावत ने कहा कि वह 27 अगस्त को अरविंद केजरीवाल से इस उम्मीद से मिले थे कि मुख्यमंत्री जो कहेंगे उनकी बात में दम होगा, लेकिन दिल्ली के मुख्यमंत्री वादा करके मुकर गए। मुख्यमंत्री ने उत्तरी और पूर्वी नगर निगमों को 500 करोड़ जो जारी किए हैं, वह ऊंट में मुंह में जीरे की तरह है। सहरावत ने कहा कि दिल्ली के तीनों महापौर को मुख्यमंत्री ने अपने आवास और फिर दिल्ली सचिवालय में मुलाकात के दौरान कहा था कि वह दस दिन में निगमों की खराब आर्थिक स्थिति का समाधान कर बकाया फंड देंगे, लेकिन डेढ़ माह का समय होने को आया है और दिल्ली के मुख्यमंत्री ने इस संबंध में निगम के द्वारा किए गए संपर्क तक का जवाब नहीं दिया है।