स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को बेहतर गाइडेंस देने की तैयारी, सिसोदिया ने कहा- सही मार्गदर्शन बेहद जरूरी
बैठक में पैरेंट आउटरीच प्रोग्राम पर चर्चा करते हुए उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा “पैरेंट आउटरीच प्रोग्राम को हमारे स्कूलों बच्चों और अभिभावकों के बीच एक बेहतर कम्युनिकेशन चैनल स्थापित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है ।
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, “यूथ फॉर एजुकेशन प्रोग्राम के माध्यम से, हमारे स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को युवा पीढ़ी से बेहतर गाइडेंस और कॉउंसलिंग मिलेगी। इस प्रोग्राम के तहत 20-30 आयुवर्ग का हर पढ़ा लिखा युवा जो ग्रेजुएशन कर रहा है, नौकरी कर रहा है, अपना कारोबार कर रहा है। हमारे स्कूली छात्रों को गाइडेंस दे सकता है और उनके करियर को बेहतर बनाने में उनकी मदद कर सकता है । उन्होंने कहा कि हर बच्चे के पास एक सपना होता है कि हमें पुलिस अधिकारी बनना है, एक्टर बनना है आदि लेकिन इन सपनों को पूरा कैसे किया जाए इसके लिए उसे किसी ऐसे की ज़रूरत होती है जो उसे गाइड कर सके। हमने यूथ फ़ॉर एजुकेशन के पायलट फेज में 650 मेंटर्स को जोड़ा जिन्होंने 4000 बच्चों को गाइडेंस दिया और वे सभी बहुत खुश हैं। इस प्रोग्राम के द्वारा मेंटर्स एक बड़े भाई-बहन के रूप में हमारे बच्चों से भावनात्मक रूप से भी जुड़ चुके हैं। बता दें कि उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली सरकार के 2 महत्वपूर्ण एजुकेशन प्रोजेक्ट- यूथ फ़ॉर एजुकेशन और पैरेंटल इंगेजमेंट प्रोग्राम पर शिक्षा अधिकारियों के साथ अहम बैठक की।
प्रोग्राम को बेहतर कम्युनिकेशन चैनल स्थापित करने के लिए किया गया डिजाइन
इस बैठक में पैरेंट आउटरीच प्रोग्राम पर चर्चा करते हुए उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, “पैरेंट आउटरीच प्रोग्राम को हमारे स्कूलों, बच्चों और अभिभावकों के बीच एक बेहतर कम्युनिकेशन चैनल स्थापित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। ताकि न केवल छात्र इन चैनलों के माध्यम से स्कूल और सामुदायिक गतिविधियों में शामिल हो। वहीं, उनके माता-पिता के साथ भी इन चैनलों के माध्यम से भी बेहतर संपर्क बनाया जा सके। इसके द्वारा पूरे समुदाय को स्कूल से जोड़ा जा सके। ये दो कार्यक्रम यह सुनिश्चित करेंगे कि किस प्रकार कम्युनिटी को शिक्षा में भागीदार बनाया जाए जो हमारे छात्रों को समग्र रूप से विकसित होने में मदद कर सके ताकि वो स्वयं और अपने परिवार के लिए सपोर्ट सिस्टम के रूप में काम कर सके।उन्होंने कहा कि हमारे स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को इस कार्यक्रम का स्वामित्व लेने की जरूरत है, ताकि स्कूलों में एक अल्मुनी यानि पूर्व छात्रों का ग्रुप बनाया जा सके और जो अपने जूनियर साथियों की मेंटरिंग कर सके। ऐसे प्रोग्राम के माध्यम से ही बेहतर शिक्षा का सपना साकार किया जा सकता है।
5.5 लाख बच्चों का मार्गदर्शन करेंगे मेंटर्स
गौरतलब है कि यूथ फॉर एजुकेशन(YFE) प्रोग्राम एक वॉलिंटियरिंग प्रोग्राम है। जिसमें 20 से 30 साल के वो पढ़े लिखे युवा जो विश्वविद्यालयों में पढ़ रहे है, नौकरी कर रहे है अथवा कोई व्यवसाय कर रहे है। वे मेंटर के रूप में दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को गाइडेंस दे सकते हैं और उन्हें अपने करियर के बारे में मार्गदर्शन कर सकते हैं। वर्तमान में, YFE को पूर्वी और दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के 46 स्कूलों में संचालित किया गया है, जिसमें 650 मेंटर्स और 4000 मेंटीज शामिल हैं। दिल्ली सरकार का लक्ष्य इस कार्यक्रम में 2 लाख से अधिक मेंटर्स को जोड़ने का है जो 9वीं से 12वीं में पढ़ने वाले 5.5 लाख बच्चों का मार्गदर्शन करेंगे।
स्कूल मित्रों का एक नेटवर्क तैयार करना उद्देश्य
इसी तरह, पैरेंट आउटरीच प्रोग्राम का उद्देश्य स्कूल प्रबंधन समिति के सदस्यों और 'स्कूल मित्रों' का एक नेटवर्क तैयार करना है ताकि अन्य माता-पिता की मदद की जा सके और समुदाय को बेहतर ढंग से स्कूलों से जोड़ा जा सके। इस कार्यक्रम में अबतक 560 एसएमसी सदस्यों और 41 स्कूलों के प्रमुखों को प्रशिक्षित किया जा चुका है।