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अब 'बड़े साहब' निजी कार्य के लिए नहीं कर सकेंगे सरकारी कार का उपयोग, देना होगा हलफनामा

दिल्ली सरकार ने निर्देश जारी करते हुए कहा कि सभी अधिकारियों को माह की 20 तारीख तक एकाउंट ब्रांच को वाहनों के संबंध में शपथपत्र देकर सूचना देनी होगी।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Sun, 06 May 2018 12:08 PM (IST)Updated: Mon, 07 May 2018 09:04 AM (IST)
अब 'बड़े साहब' निजी कार्य के लिए नहीं कर सकेंगे सरकारी कार का उपयोग, देना होगा हलफनामा
अब 'बड़े साहब' निजी कार्य के लिए नहीं कर सकेंगे सरकारी कार का उपयोग, देना होगा हलफनामा

नई दिल्ली [ जेएनएन ] ।  दिल्ली सरकार के अधिकारी सरकारी कारों का निजी इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे। दिल्ली सरकार ने निर्देश जारी करते हुए कहा कि सभी अधिकारियों को माह की 20 तारीख तक एकाउंट ब्रांच को वाहनों के संबंध में शपथपत्र देकर सूचना देनी होगी। इसमें उन्हें बताना होगा कि उन्होंने सरकारी कार का निजी उपयोग नहीं किया है।

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दरअसल, समाज कल्याण विभाग को कुछ शिकायतें मिली थीं। जिसमें कहा गया कि कुछ अधिकारी सरकारी कारों का उपयोग घर आने जाने तथा निजी कार्यों के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। लेकिन उक्त समय का अधिकारी परिवहन भत्ता भी ले रहे हैं।

ऐसे में सरकार ने इस समस्या को देखते हुए सभी अधिकारियों को निर्देश दिया कि सभी को हर माह की 20 तारीख तक लेखा विभाग को लिखित में हलफनामा देना होगा कि उन्होंने वाहन का उपयोग केवल सरकारी उपयोग के लिए किया है। क्योंकि नियम के तहत अधिकारी सरकारी वाहनों का उपयोग अपने निजी उद्देश्य के लिए नहीं कर सकते।

बता दें कि दिल्ली सरकार और नौकरशाही के बीच गत 20 फरवरी से टकराव चल रहा है। इस दौरान अधिकारियों को लेकर कई बार अलग अलग मामलों में आदेश जारी हुए हैं। टकराव के दौरान यह आदेश सीधे तौर पर अधिकारियों से जुड़ा हुआ है।

वहीं दिल्ली के मुख्य सचिव के पास ऐसी भी शिकायत आई है कि श्रम विभाग में जो कंपनी निजी किराये पर कारें उपलब्ध कराती है वही कंपनी दूसरे विभागों को भी कारें उपलब्ध करा रही है। जबकि उस कंपनी के पास कारों की संख्या सीमित है। छह अधिवक्ताओं की ओर से की गई शिकायत में जांच की मांग की गई है।

बता दें कि पिछले महीने दिल्ली सरकार ने अपने संबंधित विभागों के प्रमुख सचिवों और सचिवों को निर्देश दिया था कि वे किराये पर लिए गए वाहनों की संख्या व अन्य की जानकारी 10 दिनों में दें। सभी प्रमुख सचिवों और सचिवों ने यह जानकारी 22 अप्रैल तक वित्त विभाग को दे दी थी।


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