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Odd Even: दोपहिया वाहनों को छूट के बाद एक और बड़ी राहत दे सकती है दिल्ली सरकार

odd Even सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस बार दिल्ली सरकार 20000 रुपये के जुर्माने को 4000 रुपये करने की तैयारी कर रही है।

By JP YadavEdited By: Published: Wed, 16 Oct 2019 01:51 PM (IST)Updated: Wed, 16 Oct 2019 01:56 PM (IST)
Odd Even: दोपहिया वाहनों को छूट के बाद एक और बड़ी राहत दे सकती है दिल्ली सरकार
Odd Even: दोपहिया वाहनों को छूट के बाद एक और बड़ी राहत दे सकती है दिल्ली सरकार

नई दिल्ल, जेएनएन। प्रदूषण ऐसी समस्या है जो हमारी सांसें कम कर रही हैं। इसे देखते हुए दिल्ली सरकार ने 4 से 15 नवंबर तक ऑड-इवेन चलाने की घोषणा की है,मगर इस बार इसमें सीएनजी से चलने वाली निजी कारों को छूट नहीं दी गई है, जबकि दिल्ली की सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था पहले से ही लचर है। ऐसे में दिल्ली सरकार के सामने इस दौरान सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था उपलब्ध कराने की चुनौती बढ़ सकती है।

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वहीं ऑड-इवेन के दौरान नियमों का उल्लंघन करने पर जुर्माने की राशि कम हो सकती है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, इस बार दिल्ली सरकार 20,000 रुपये के जुर्माने को 4000 रुपये करने की तैयारी कर रही है। कई बार की बैठकों के बाद भी अब तक इस पर फैसला नहीं हो सकता है, लेकिन इस मुहर लगना तय माना जाना जा रहा है। 

दिल्ली में सीएनजी से चलने वाली निजी कारों की संख्या 5 लाख से अधिक है। छूट न मिलने से प्रतिदिन ढाई लाख कारें सड़कों से हट जाएंगी। दिल्ली सरकार भी इस समस्या को समझ रही है, मगर प्रदूषण की समस्या को देखते हुए इसे जरूरी भी मान रही है।

परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत का कहना है कि प्रदूषण को कम करने के लिए सभी को एक साथ आना होगा। वह कहते हैं कि हमारा पूरा प्रयास रहेगा कि ऑड-इवेन के दौरान दिल्ली की जनता को किसी तरह की परेशानी न हो। इसलिए इस दौरान प्रतिदिन दो हजार अतिरिक्त बसें चलाई जाएंगी। दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) के पास न सिर्फ बसों की कमी है बल्कि वह अब भी खटारा हो चुकी बसों के सहारे राजधानी के लोगों को गंतव्य तक पहुंचाने की कोशिश में लगी हुई है। इसके बेड़े में लगभग 650 ऐसी बसें हैं जो अपनी आयु पूरी कर चुकी हैं। डीटीसी के सूत्रों की मानें तो रोजाना 35-40 बसें बीच सड़क पर खराब हो जाती हैं। बेड़े में 3700 बसें हैं।

एक साल में उतारी जाएंगी चार हजार बसें

दिल्ली सरकार द्वारा पिछले चार साल से बसें खरीदने पर काफी जोर दिया जा रहा है। एक साल के अंदर चार हजार बसें सड़कों पर उतार देने की सरकार की योजना है। इसके अलावा पहले से चल रहीं तीन हजार बसें खरीदने की योजना पर काम चल रहा है। इस योजना के तहत खरीदी जाने वाली स्टैंडर्ड फ्लोर श्रेणी की हाइड्रोलिक लिफ्ट वाली बसों की पहली खेप में 25 बसें सड़कों पर उतारी जा चुकी हैं। इसके अलावा 65 बसें और आ चुकी हैं। इन्हें सड़कों पर उतारे जाने की तैयारी चल रही है। वहीं 35 बसें एक दो दिन में आने वाली हैं। माना जा रहा है कि ऑड-इवेन तक 100 बसों की दिल्ली में बढ़ोत्तरी हो जाएगी।

डीटीसी ने 300 इलेक्ट्रिक बसों के लिए जारी किए टेंडर

डीटीसी (दिल्ली परिवहन निगम) भी इलेक्ट्रिक बसें चलाने के मामले में आगे बढ़ गई है। डीटीसी ने इन बसों के लिए मंगलवार को टेंडर जारी कर दिए। टेंडर में भाग लेने की अंतिम तारीख 13 नवंबर है। परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने इस पर खुशी जाहिर की है। उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन का बेड़ा मजबूत हो रहा है। ये सभी बसें लो फ्लोर श्रेणी की होंगी। ये बसें केंद्र सरकार की फेम-दो योजना के तहत खरीदी जाएंगी। इस योजना के लिए केंद्र सरकार से प्रति बस 40 फीसद का अनुदान मिलेगा। ये बसें किलोमीटर स्कीम के तहत चलेंगी। डीटीसी ने केंद्र से इस स्कीम के लिए 1 हजार बसों की मांग की थी। मगर केंद्र सरकार ने तीन सौ बसों के लिए हामी भरी है। ये बसें क्लस्टर सेवा के तहत प्रस्तावित एक हजार इलेक्ट्रिक बसों से अलग होंगी। दिल्ली सरकार वर्ष 2018 में इलेक्ट्रिक बसों को शुरू करने की घोषणा कर चुकी है। क्लस्टर स्कीम के तहत बसें शुरू करने को लेकर प्रक्रिया पहले से ही चल रही है। क्लस्टर के साथ ही डीटीसी अपने बेड़े में भी इलेक्ट्रिक बसें लाने की तैयारी में है। मिली जानकारी के अनुसार डीटीसी के बेड़े में इलेक्ट्रिक बसें अगले साल तक शामिल हो जाएंगी। वहीं जिन एक हजार इलेक्ट्रिक बसों के लिए टेंडर जारी किए गए हैं उसकी भी डेडलाइन अब बढ़ गई है। इसके तहत अब बसों की पहली खेप फरवरी से आगे बढ़ सकती है। मार्च 2020 के बाद से बड़ी संख्या में इलेक्ट्रिक बसें आने की संभावना है।

दोपहिया वाहनों को ऑड-इवेन से छूट

 दिल्ली सरकार ने ऑड-इवेन से दो पहिया वाहनों को भी छूट दे दी है। मंगलवार को इस बारे में परिवहन विभाग को अधिसूचना के निर्देश दिए गए। सूत्रों के अनुसार सीएम अरविंद केजरीवाल ने सोमवार शाम इस संबंध में बुलाई गई बैठक में कहा कि प्रदूषण बड़ी समस्या है मगर दो पहिया वाहनों को छूट नहीं दी गई तो परिवहन की समस्या खड़ी हो जाएगी। इस फैसले से दिल्ली में दो पहिया वाहन चलाने वाले 70 लाख लोगों को राहत मिली।

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