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दिल्ली सरकार को राहत, पिछले वर्ष की अपेक्षा इस बार सितंबर में मिला 115 करोड़ अधिक राजस्व

माना जा रहा है कि जल्द ही अर्थव्यवस्था पटरी पर आ सकती है। लॉकडाउन ने दिल्ली की अर्थव्यवस्था के साथ ही सरकारी खजाने को भी बुरी तरह प्रभावित किया है। लेकिन अब बाजार मॉल व शराब आदि की दुकानों को खोलने का असर दिखाई दे रहा है।

By JP YadavEdited By: Published: Tue, 13 Oct 2020 08:13 AM (IST)Updated: Tue, 13 Oct 2020 08:13 AM (IST)
दिल्ली सरकार को राहत, पिछले वर्ष की अपेक्षा इस बार सितंबर में मिला 115 करोड़ अधिक राजस्व
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की फाइल फोटो।

नई दिल्ली [वीके शुक्ला]। कोरोना संकट के चलते पिछले सात माह से आर्थिक तंगी से जूझ रही दिल्ली सरकार को आर्थिक मोर्चे पर पहली बार राहत मिली है। सितंबर में सरकार ने जीएसटी और वैट से 1663.80 करोड़ रुपये वसूले हैं, जबकि 2019 में इसी माह में सरकार को 1548. 37 करोड़ रुपये ही मिले थे। यानी सितंबर में मिली यह राशि 115.43 करोड़ अधिक है। इससे अनुमान है कि जल्द ही अर्थव्यवस्था पटरी पर आ सकती है। लॉकडाउन ने दिल्ली की अर्थव्यवस्था के साथ ही सरकारी खजाने को भी बुरी तरह प्रभावित किया है। लेकिन अब बाजार, मॉल व शराब आदि की दुकानों को खोलने का असर दिखाई दे रहा है।

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जीएसटी और वैट से एक माह में वसूले गए 1663 करोड़ रुपये

एक समय लॉकडाउन के चलते अप्रैल में दिल्ली सरकार के टैक्स वसूली में 90 फीसद तक की गिरावट आ गई थी। जीएसटी, वैट, आबकारी, स्टांप ड्यूटी, रजिस्ट्रेशन, मोटर वाहन टैक्स समेत सभी मदों में दिल्ली सरकार को अप्रैल में मात्र 300 करोड़ रुपये की टैक्स वसूली हुई थी। वहीं 2019 में अप्रैल में 3500 करोड़ रुपये का टैक्स सरकार को मिला था। जून 2019 में 6136 करोड़ की वसूली की जगह हुई थी, जबकि इस बार जून में 2958 करोड़ और जुलाई में 1636 करोड़ का राजस्व ही मिला। शुरुआती पांच माह का आकलन करें तो दिल्ली सरकार के खजाने में जीएसटी और वैट से 31 अगस्त तक 6199 करोड़ रुपये प्राप्त हुए। जबकि पिछले वित्त वर्ष में इसी अवधि में 10,667 करोड़ रुपये मिले थे।

15 हजार कंपनियों को किया गया चिह्न्ति

कम आ रहे राजस्व को देखते हुए सरकर टैक्स वसूली को बढ़ाने के लिए लगातार उपाय कर रही है, जिसमें मॉल, बाजारों, दुकानों और शराब की दुकानों को खोलना शामिल रहा है। इसके साथ ही उन कंपनियों पर भी सरकार ने शिकंजा कसा है जो टैक्स दबा कर बैठी हुई थीं। ऐसी 15 हजार कंपनियों को चिह्न्ति किया गया है।

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