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दिल्ली सरकार ने 18 से 44 साल के लोगों को पहली खुराक लगाने पर लगाई रोक, जानिए इसके पीछे का कारण

कोवैक्सीन की कमी को देखते हुए दिल्ली सरकार ने 18 से 44 वर्ष के लोगों को पहली खुराक लगाने पर रोक लगा दी है। ऐसे में अब जो लोग पहली खुराक ले चुके हैं उन्हें ही निजी अस्पतालों में दूसरी खुराक लगाई जाएगी।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Published: Mon, 07 Jun 2021 01:42 PM (IST)Updated: Mon, 07 Jun 2021 01:42 PM (IST)
दिल्ली सरकार ने 18 से 44 साल के लोगों को पहली खुराक लगाने पर लगाई रोक, जानिए इसके पीछे का कारण
दिल्ली को वैक्सीन में मिलने में अभी पांच दिन और लगेंगे। इसके बाद ही टीकाकरण शुरू हो सकेगा।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। कोवैक्सीन की कमी को देखते हुए दिल्ली सरकार ने 18 से 44 वर्ष के लोगों को पहली खुराक लगाने पर रोक लगा दी है। ऐसे में अब जो लोग पहली खुराक ले चुके हैं, उन्हें ही निजी अस्पतालों में दूसरी खुराक लगाई जाएगी। मुख्य सचिव विजय देव ने सभी निजी अस्पतालों व नर्सिग होम को रविवार को इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। दिल्ली में 18 से 44 वर्ष के लोगों का टीकाकरण दो सप्ताह से बंद है। दिल्ली को वैक्सीन में मिलने में अभी पांच दिन और लगेंगे। इसके बाद ही टीकाकरण शुरू हो सकेगा।

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ऐसे में दिल्ली के युवा टीकाकरण के लिए मेरठ-बुलंदशहर तक जा रहे हैं। दिल्ली सरकार ने केंद्र सरकार से अपील की है कि निजी अस्पतालों को वैक्सीन देने के बजाए दिल्ली सरकार को उपलब्ध करवाएं। दिल्ली में पांच जून को 57 हजार 990 लोगों को टीका लगाया गया। इसमें से 42 हजार 742 लोगों को पहली और 15 हजार 248 लोगों को दूसरी खुराक लगाई गई है। 45 वर्ष से अधिक श्रेणी के लिए वैक्सीन की पांच लाख 84 हजार 370 खुराक उपलब्ध हैं। इसमें से कोविशील्ड की पांच लाख 62 हजार 520 और कोवैक्सीन की 21 हजार 850 खुराक उपलब्ध हैं।

उधर हालात कुछ यूं हैं कि मेरठ में दूसरे डोज का 70 से लेकर 80 फीसद तक स्लाट दिल्ली और दूसरे जिले वालों ने बुक कर लिया। पहले डोज में भी 25-30 फीसद लोग बाहर के हैं। इसे लेकर कई टीकाकरण केंद्रों पर विरोध के बाद हंगामा भी हुआ है। भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डा. लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने यह मुद्दा उठाते हुए प्रदेश सरकार के प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य को पत्र भी भेजा। उन्होंने पत्र में स्पष्ट लिखा है कि दस मिनट में स्लाट बुक होने से स्थानीय लोगों को टीका नहीं लग पा रहा है। डा. लक्ष्मीकांत ने मांग की है कि पड़ोसी राज्यों से मेरठ पहुंचकर टीका लगवाने वालों पर रोक लगाई जाए, साथ ही पड़ोसी जिलों से आने वालों को हो सके तो बाद में वैक्सीन लगाने की व्यवस्था की जाए।

इधर, बूस्टर और प्रथम डोज में टीका लगवाने वालों की संख्या पहले की तुलना में बढ़ गई। इस पर जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. प्रवीण गौतम ने बताया कि दिल्ली, सोनीपत और पड़ोसी राज्यों के लोग आनलाइन स्लाट बुक करवाकर मेरठ में टीका लगवाने पहुंच रहे हैं। इसे लेकर कई केंद्रों पर स्थानीय लोगों ने विरोध भी दर्ज कराया है। यह सही है कि टीका लगवाने के लिए कोई भी व्यक्ति देश का कोई भी शहर चुन सकता है। इन्हीं सुविधाओं का फायदा दिल्ली, सोनीपत और पड़ोसी जिलों के लोग उठा रहे हैं। दूसरे जनपदों के लोगों द्वारा चंद मिनटों में ही स्लाट बुक कर लेने की वजह से बड़ी संख्या में स्थानीय लोग टीका लगवाने की कतार में ही खड़े रह जा रहे हैं।


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