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कोरोना: मरीजों की जान बचाने के लिए दिल्‍ली सरकार की बड़ी पहल, कान्वेलसेंट प्लाजमा तकनीक के उपयोग को मंजूरी

स्वास्थ्य टीम के साथ वीडियो कांफ्रेंस के दौरान उपराज्यपाल ने सभी अस्पतालों और स्वास्थ्य विभाग के बीच मजबूत संचार नेटवर्क की आवश्यकता पर जोर दिया।

By Prateek KumarEdited By: Published: Wed, 15 Apr 2020 10:30 PM (IST)Updated: Thu, 16 Apr 2020 07:34 AM (IST)
कोरोना: मरीजों की जान बचाने के लिए दिल्‍ली सरकार की बड़ी पहल, कान्वेलसेंट प्लाजमा तकनीक के उपयोग को मंजूरी
कोरोना: मरीजों की जान बचाने के लिए दिल्‍ली सरकार की बड़ी पहल, कान्वेलसेंट प्लाजमा तकनीक के उपयोग को मंजूरी

नई दिल्ली (संजीव गुप्ता)। उपराज्यपाल अनिल बैजल ने वीडियो कांन्फ्रेंसिंग के जरिए बुधवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन, मुख्य सचिव विजय कुमार देव, अतिरिक्त सचिव (गृह), एम्स के निदेशक व अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ दिल्ली के अस्पतालों में कोविड-19 रोगी प्रबंधन की समीक्षा की। स्वास्थ्य टीम के साथ वीडियो कांफ्रेंस के दौरान उपराज्यपाल ने सभी अस्पतालों और स्वास्थ्य विभाग के बीच मजबूत संचार नेटवर्क की आवश्यकता पर जोर दिया। बैजल ने कहा कि हर एक जिन्दगी कीमती है, प्रत्येक रोगी को सर्वोत्तम संभव उपचार के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे।

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प्‍लाजमा तकनीक के उपयोग की मंजूरी

आइएलबीएस के निदेशक डॉ. एस. के. सरीन ने बताया कि कोविड-19 के गंभीर रोगियों की जान बचाने के लिए दिल्ली सरकार को परीक्षण के आधार पर कान्वेलसेंट प्लाजमा तकनीक के उपयोग की मंजूरी मिल गई है। इसे एमओएचडब्ल्यूएफ के प्रोटोकाल के अनुसार लागू कर गंभीर मरीजों का इलाज किया जाएगा। वहीं एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया का कहना है कि प्लाज्मा तकनीक में संक्रमण से मुक्त हो चुके मरीजों के रक्त की आवश्यकता पड़ती है। इसलिए जो लोग कोरोना वायरस से ठीक हो चुके हैं, वह लोग रक्तदान करेंगे तो ही प्लाज्मा तकनीक पर ट्रायल शुरू हो सकता है।

दिल्ली सरकार ने 1.5 लाख पीपीई किट खरीदने के दिए आदेश

स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि पर्याप्त पीपीईज की खरीदारी की जा रही है। दिल्ली सरकार ने 1.5 लाख पीपीई किट्स खरीद के लिए आदेश जारी किया है। प्रतिदिन 3500 पीपीई प्राप्त हो रहे हैं एवं इसके साथ ही 2 लाख पीपीईज किट के लिए निविदा को भी अंतिम रूप दे दिया गया है। इसके अलावा 5 लाख एन-5 मास्क के लिए आदेश जारी किया गया है तथा फ्रंटलाइन हेल्थवर्कर्स/हैल्थ प्रोफेशनल के लिए प्रति सप्ताह 25000 एन-95 मास्क की आपूर्ति हो रही है। स्वास्थ्य विभाग जरूरत के हिसाब से सभी कोविड-1 अस्पतालों को पीपीई प्रदान कर रहा है। उपराज्यपाल ने निर्देश दिए कि भीड़-भाड़ से बचने के लिए अस्पतालों में एसओपी/दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन किया जाए। उन्होंने कोविड-19 के मामलों से निपटने के दौरान स्वास्थ्य विभाग को एमओएचडब्ल्यूएफ, भारत सरकार के सभी प्रोटोकाल का पालन करने के निर्देश दिए।

अफवाहों की रोकथाम जरूरी

उपराज्यपाल ने कहा कि किसी भी तरह की अफवाओं की रोकथाम के लिए आइईसी के माध्यम से व्यापक प्रचार किया जाए एवं पड़ोसी राज्यों से भी समन्वय बनाया जाए। हमारा ध्यान आवश्यक सेवाओं की आपूर्ति के साथ-साथ लाकडाउन का सख्त अनुपालन होना चाहिए ताकि कोविड-19 के प्रसार की चेन को तोड़ा जा सके।


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