दिल्ली फार्म हाउस फायरिंग : आरोपित पूर्व विधायक राजू की वैशाली से थी चुनाव लड़ने की तैयारी
राजू कुमार सिंह अब तक साहेबगंज सेे तीन बार जदयू के टिकट पर ही चुनाव जीते। 2005 में विधानसभा के दो चुनाव हुए थे। दोनों में उनकी जीत हुई थी।
दिल्ली/पटना, जेएनएन। पूर्व विधायक राजू कुमार सिंह अभी किसी राजनीतिक दल में सक्रिय नहीं हैं। लोकसभा चुनाव की तैयारी कर रहे थे। इसलिए कई दलों के संपर्क में थे। नई दिल्ली की यात्रा भी इसी इरादे से थी। लेकिन, दक्षिण दिल्ली के फार्म हाउस पर जश्न के दौरान चली गोली ने उन्हें हत्या का आरोपित बना दिया। इसके साथ ही फिलहाल चुनाव लडऩे पर विराम भी लग गया।
राजनीतिक बयानबाजी तेज
फायरिंग की खबर आते ही राजू सिंह की दलीय सदस्यता को लेकर राजनीतिक बयानबाजी तेज है। राजद उन्हें जदयू का सदस्य बता रहा है। जदयू के मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा कि वे हम के सदस्य हैं। मकसद यह बताना है कि हम अब महागठबंधन का हिस्सा है।
तीन बार जदयू के टिकट पर ही चुनाव जीते
राजू कुमार सिंह अब तक साहेबगंज सेे तीन बार जदयू के टिकट पर ही चुनाव जीते। 2005 में विधानसभा के दो चुनाव हुए थे। दोनों में उनकी जीत हुई थी। फरवरी वाले चुनाव में लोजपा के टिकट पर जीते। अक्टूबर के चुनाव में जदयू उम्मीदवार की हैसियत से जीत हुई। तीसरी जीत 2010 में भी जदयू के विधायक बने। लेकिन, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जीतन राम मांझी के बीच के तकरार के बाद राजू कुमार सिंह जदयू से अलग हो गए। उन्होंने मांझी का साथ दिया।
मांझी का दिया साथ
2015 के विधानसभा चुनाव के समय मांझी एनडीए में चले गए। लेकिन, सीटों के बंटवारे के दौरान भाजपा ने साहेबगंज पर अपना दावा ठोक दिया। काफी मशक्कत के बाद भाजपा इस बात पर राजी हुई कि सीट हम के खाते में जाएगी, मगर सिम्बल भाजपा का रहेगा। इसी समझौते के तहत राजू भाजपा के सिम्बल पर चुनाव लड़े।
नए दल की तलाश
उसमें राजद के रामविचार राय की जीत हुई। हार के बाद उनकी दलीय गतिविधियां सिमट गई थी। लेकिन, इस बार वैशाली से लोकसभा चुनाव लडऩे का मन बनाया था। महागठबंधन में वैशाली की सीट राजद के प्रो. रघुवंश प्रसाद सिंह के लिए आरक्षित है। लिहाजा वे नए दल की तलाश में घूम रहे थे। कुछ नेताओं से उनकी मुलाकात भी हुई थी। लेकिन, कहीं से ठोस आश्वासन नहीं मिला था।