नई दिल्ली, एएनआई। Delhi Excise Policy Case : दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति के मामले में गिरफ्तार किए गए चार्टर्ड एकाउंटेंट बुचिबाबू गोरंटला को राउज एवेन्यू कोर्ट में CBI ने पेश किया। सीबीआई ने बुधवार को हैदराबाद से चार्टर्ड एकाउंटेंट बुचिबाबू गोरंटला को गिरफ्तार किया है। इस मामले को लेकर कोर्ट ने आरोपित बुचिबाबू गोरंटला को 11 फरवरी तक सीबीआई की कस्डटी में भेजने का आदेश दिया है।
सीबीआई के मुताबिक, दिल्ली आबकारी नीति मामले में सीबीआई ने शराब नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में कथित भूमिका और हैदराबाद स्थित थोक व खुदरा लाइसेंसधारियों और उनके लाभार्थी मालिकों को गलत लाभ पहुंचाने के आरोप में हैदराबाद स्थित चार्टर्ड एकाउंटेंट बुचिबाबू गोरांटला को गिरफ्तार किया गया है। बता दें कि इस मामले में जांच एजेंसी द्वारा दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को आरोपी बनाया गया है और उनसे पूछताछ भी की गई है।
उधर, ईडी ने आज दिल्ली की आबकारी नीति में 'अनियमितताओं' से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पंजाब के व्यवसायी गौतम मल्होत्रा को गिरफ्तार किया है।
Delhi Excise Policy case | CBI arrested Hyderabad based Chartered Accountant Butchibabu Gorantla for his alleged role in formulation & implementation of Delhi Excise Policy & causing wrongful gain to Hyderabad-based wholesale and retail licensees and their beneficial owners: CBI
— ANI (@ANI) February 8, 2023
दिल्ली में अभी जारी रहेगी मौजूदा आबकारी नीति
दिल्ली सरकार के निगमों द्वारा खुदरा शराब व्यापार से संबंधित मौजूदा आबकारी नीति को कुछ और समय के लिए बढ़ाए जाने की संभावना है, क्योंकि नई आबकारी नीति अभी तैयार की जा रही है। दिल्ली सरकार ने आबकारी नीति 2021-22 को रद कर दिया है और इसे लागू किए जाने में अनियमितता के आरोपों पर उपराज्यपाल वीके सक्सेना द्वारा सीबीआइ से जांच की सिफारिश करने के बाद 31 अगस्त, 2022 के अपने आदेश को उसने वापस भी ले लिया है।
पुरानी आबकारी नीति पर लौटने के साथ सरकार ने आबकारी नीति 2021-22 के तहत अपने चार नगर निगमों को शराब की दुकान खोलने की अनुमति दी। नई नीति बनाने के लिए तीन सदस्यीय समिति बनाई गई है, जबकि नगर निगमों को पिछले वर्ष एक सितंबर से छह महीने तक शराब की दुकान खोलने एवं चलाने की जिम्मेदारी दी गई है। हालांकि, प्रधान सचिव (वित्त) की अध्यक्षता वाली समिति ने सरकार को अभी रिपोर्ट नहीं दी है, जबकि छह महीने की वह अवधि 28 फरवरी को ही समाप्त हो रही है, जिसके लिए पुरानी आबकारी व्यवस्था को संचालित करने की अनुमति दी गई थी।