Liquor Sale: लोगों ने जमकर छलकाया जाम तो भरा दिल्ली सरकार का खजाना! रोजाना बिक रहीं शराब की 17 लाख बोतलें
Liquor Sale In Delhi आबकारी अधिकारियों ने कहा कि बाजार में 117 थोक विक्रेताओं के माध्यम से लगभग 1000 ब्रांड पंजीकृत किए गए हैं और पिछले साल सितंबर से माल (एल 10) में 10 दुकानों सहित 573 सरकारी खुदरा दुकानों को खोला गया है।
नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। मध्यावधि में शराब नीति में बदलाव और केंद्रीय एजेंसियों द्वारा जारी जांच के बावजूद दिल्ली सरकार 2022-23 में 5,548.48 करोड़ रुपये का अब तक का सर्वाधिक उत्पाद राजस्व हासिल करने में सफल रही है। आबकारी विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि 17 लाख बोतलों की दैनिक औसत बिक्री के साथ आबकारी विभाग का दैनिक औसत राजस्व 19.71 करोड़ रुपये रहा है जो 2021-22 में कुल राजस्व से अधिक है।
आबकारी नीति में भ्रष्टाचार का आरोप
अधिकारी ने कहा कि हमने 2021-22 में उत्पाद शुल्क और वैट सहित 6762 करोड़ रुपये के कुल राजस्व को भी पार कर लिया है और 2022-23 में 6,821 करोड़ रुपये की वसूली की है। दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर, 2021 को एक नई आबकारी नीति लागू की थी जो बाद में भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन के आरोपों में विवादों में आ गई थी।
उस नीति के तहत निजी शराब विक्रेताओं ने शहर भर में शराब की दुकानें खोली थीं, उसे पिछले साल एलजी वीके सक्सेना द्वारा इसके कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं की सीबीआइ जांच की सिफारिश के बाद दिल्ली सरकार ने वापस ले लिया था।नीति (2021-22) को आखिरकार अगस्त, 2022 में समाप्त कर दिया गया।
सरकार 1 सितंबर, 2022 से पुरानी आबकारी व्यवस्था में वापस आ गई, जिसके तहत उसके चार उपक्रमों ने शहर में शराब का कारोबार किया। आबकारी अधिकारियों ने कहा कि बाजार में 117 थोक विक्रेताओं के माध्यम से लगभग 1000 ब्रांड पंजीकृत किए गए हैं और पिछले साल सितंबर से माल (एल 10) में 10 दुकानों सहित 573 सरकारी खुदरा दुकानों को खोला गया है।
शहर में कुल 930 होटल, क्लब और रेस्तरां भी खुदरा ग्राहकों को सेवा दे रहे हैं।एक सितंबर 2022 से लागू हो रही इस नीति को छह महीने के लिए और बढ़ा दिया गया है क्योंकि आबकारी विभाग नई नीति पर काम कर रहा है।