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Delhi: 12वें दिन वकीलों की हड़ताल खत्म, सभी निचली अदालतों में शनिवार से शुरू होगा कामकाज

दिल्ली जिला बार कोऑर्डिनेशन कमेटी ने हड़ताल को खत्म करने का फैसला करते हुए शनिवार से काम पर लौटने की घोषणा की है।

By Mangal YadavEdited By: Published: Fri, 15 Nov 2019 06:23 PM (IST)Updated: Fri, 15 Nov 2019 07:04 PM (IST)
Delhi: 12वें दिन वकीलों की हड़ताल खत्म, सभी निचली अदालतों में शनिवार से शुरू होगा कामकाज
Delhi: 12वें दिन वकीलों की हड़ताल खत्म, सभी निचली अदालतों में शनिवार से शुरू होगा कामकाज

नई दिल्ली, ऑन लाइन डेस्क। दिल्ली में चार नवंबर से चली आ रही वकीलों की हड़ताल खत्म हो गई है। दिल्ली जिला बार कोऑर्डिनेशन कमेटी ने हड़ताल को खत्म करने का फैसला करते हुए शनिवार से काम पर लौटने की घोषणा की है।  दो नवंबर को तीस हजारी कोर्ट में पार्किंग विवाद के हिंसक रुप लेने के बाद से वकील हड़ताल पर थे। आरोपित पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर हड़ताल चल रही थी।

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हड़ताल की वजह से दिल्ली की सभी निचली अदालतों में कामकाज ठप चल रहा था। चेयरमैन महावीर शर्मा ने बताया कि वकील हाई कोर्ट के आदेश का सम्मान करते हैं। इसलिए सभी ने फैसला किया है कि शनिवार से कोर्ट में वकील अपना कामकाज फिर से शुरू करेंगे।

4 नवंबर से निचली अदालतों में चल रही थी हड़ताल

पुलिसकर्मियों व अधिवक्ताओं के बीच हिंसक झड़प, आगजनी व गोली चलने की घटना के बाद राजधानी की छह निचली अदालतों में बीते चार नवंबर से हड़ताल चल रही थी। वहीं दूसरी तरफ पुलिसकर्मी भी कैदियों को पेशी पर लेकर नहीं जा रहे थे। इससे अदालतों में काम प्रभावित होने के साथ ही आम जनता को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यह पहला मौका है, जब राजधानी की छह निचली अदालतों में इतने लंबे समय तक हड़ताल चली है।

अधिवक्ताओं की मांग है कि गोली चलाने वाले एएसआइ पवन कुमार को गिरफ्तार किया जाए। लेकिन, पुलिस अधिकारी मामले की न्यायिक जांच पूरी होने से पहले ऐसा करने को तैयार नहीं हैं। तीस हजारी के बाहर प्रतिदिन सुबह से शाम तक एहतियात के तौर पर पुलिस की सुरक्षा बढ़ा दी जाती है। फिलहाल पुलिस के तमाम वरिष्ठ अधिकारी तीस हजारी पर नजर बनाए हुए हैं।

घायल दोनों वकीलों को मिला पांच-पांच लाख रुपये मुआवजा

दो नवंबर को पुलिस की गोलियों से घायल हुए दोनों अधिवक्ताओं विजय वर्मा और रंजीत मलिक को बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने मंगलवार को पांच-पांच लाख रुपये बतौर मुआवजा दे दिया है। हालांकि, मारपीट में घायल हुए अधिवक्ता सागर शर्मा को अभी मुआवजा नहीं मिल पाया है। अधिवक्ता विजय वर्मा के सीने में गोली लगी थी। वह यमुनापार के रहने वाले हैं और उनके दो बच्चे हैं। सेंट स्टीफंस अस्पताल के आइसीयू में वह दो दिन तक भर्ती रहे थे। इसके बाद चार नवंबर को उन्हें वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया था, जहां उनका अब तक उपचार चल रहा है।

रंजीत मलिक के दाहिने हाथ की अंगुलियों में गोली लगी थी। इसकी वजह से उनकी दो अंगुलियों को काटना पड़ा है। उनकी अस्पताल से छुट्टी हो चुकी है। मारपीट में सागर शर्मा के हाथ की हड्डी टूट गई है। सागर दो साल से तीस हजारी में ललित कुमार के साथ प्रैक्टिस कर रहे हैं। घटना वाले दिन उन्हीं के साथ वह जीप से तीस हजारी कोर्ट पहुंचे थे, जहां पार्किंग को लेकर उनका पुलिसकर्मी से विवाद हुआ था। सागर के पिता दिल्ली हाई कोर्ट में फाइलिंग सेक्शन में रजिस्ट्रार हैं।

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