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राम मंदिर पर केंद्र सरकार अध्यादेश लाए या बनाए कानून, नहीं होगा कोई समझौता

साधु-संतों ने कहा है कि राम मंदिर पर केंद्र सरकार अध्यादेश लाए या कानून बनाए इससे कम पर कोई समझौता नहीं होगा।

By Amit MishraEdited By: Published: Sun, 04 Nov 2018 04:06 PM (IST)Updated: Sun, 04 Nov 2018 08:33 PM (IST)
राम मंदिर पर केंद्र सरकार अध्यादेश लाए या बनाए कानून, नहीं होगा कोई समझौता
राम मंदिर पर केंद्र सरकार अध्यादेश लाए या बनाए कानून, नहीं होगा कोई समझौता

नई दिल्ली, जेएनएन। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम से संतों ने केंद्र सरकार और देश की जनता के लिए धर्मादेश जारी किया। संतों ने दो दिनों तक विचार-विमर्श के बाद मंच से केंद्र सरकार को कानून बनाने या फिर अध्यादेश लाने का आदेश दिया। संतों ने साफ किया कि इससे कम पर कोई समझौता नहीं होगा।

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विधर्मियों से सावधान रहें
अखिल भारतीय संत समिति के अध्यक्ष जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी हंसदेवाचार्य ने धर्मादेश पढ़ा। उन्होंने कहा, यह धर्मादेश दो दिनों के मंथन के दौरान किए गए विचार-विमर्श से निकला है। कई सौ वर्षों बाद साधु संत सरकार को धर्मादेश दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि लोग छद्मवेश में मंदिर निर्माण आंदोलन को दिग्भ्रमित करने वाले लोगों, राजनीतिज्ञों और विधर्मियों से सावधान रहें और ऐसा कोई कार्य नहीं करें कि जो हिंदू समाज की एकता को भंग करता हो। उन्होंने कहा कि अयोध्या में राममंदिर निर्माण के लिए दिवाली पर एक दिया जलाएं।

विशाल धर्म सभाएं आयोजित की जाएंगी
स्वामी हंसदेवाचार्य ने कहा कि गंगा को निर्मल बनाए रखने के लिए नदियों को गंदा न करें और केंद्र सरकार गो रक्षा के लिए गो-मंत्रालय बनाए। इस सम्मेलन में आगे की रणनीति की भी घोषणा की गई। 9 नवंबर को दिल्ली में तो अयोध्या, नागपुर और बेंगलुरु में 25 नंवबर को विशाल धर्म सभाएं आयोजित की जाएंगी।

घुसपैठ विरोधी कानून बनाने की मांग
असम की तर्ज पर पूरे देश में हो एनआरसी संतों ने केंद्र सरकार को असम की तर्ज पर पूरे देश में वर्ष 1947 को आधार मानते हुए राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) बनाने का धर्मादेश दिया। इसके साथ ही घुसपैठ विरोधी कानून बनाने की मांग भी की गई। यह भी कहा कि शीघ्र से भी शीघ्र बांग्लादेश से लगती हुई संपूर्ण अंतरराष्ट्रीय सीमा की हाईटेक बाड़बंदी कर घुसपैठ को पूरी तरह से रोका जाए और जो घुसपैठिए देश में हैं, उन्हें वापस भेजा जाए।

आ गए अच्छे दिन, अगली बार फिर मोदी सरकार
संत सम्मेलन में मौजूद संत मोदी सरकार से खुश नजर आए। स्वामी हंसदेवाचार्य ने कहा कि इससे अच्छे दिन और क्या चाहिए कि केंद्र सरकार ने हिंदू आस्थाओं को ध्यान में रखते हुए बहुत से कार्य किए हैं। जहां पहले भारत आने वाले अतिथि को ताजमहल उपहार में दिया जाता था, वहीं आज लोग गीता और गंगाजल दे रहे हैं। यही तो अच्छे दिन हैं।

अधिक मतदान करने की अपील
धर्मादेश में लोगों से अधिक से अधिक मतदान करने की अपील की गई। उन्होंने कहा कि जितनी हमारी समस्याएं हैं, उनका समाधान केवल मोदी सरकार कर सकती है, इसलिए वर्ष 2019 में भी मोदी सरकार को लेकर आएं। मतदान में नोटा के विकल्प को अलोकतांत्रिक बताते हुए गाय, गंगा और हिंदुत्व की बात करने वाले प्रत्याशियों के पक्ष में मतदान करने की अपील की गई।

राम मंदिर निर्माण के लिए जलाएं दीया 

साधु-संतों ने कहा कि 25 नवंबर 2018 को अयोध्या, बेंगलुरु और नागपुर में विशाल धर्मसभाएं होंगी। 9 दिसंबर 2018 को पांच लाख लोग और कई हजार महात्मा दिल्ली आएंगे। देश के 500 जिलों में 9 दिसंबर को बड़ी-बड़ी सभाएं और विशाल कथाएं होंगी। साधु-संतों ने यह भी कहा कि दिवाली पर हर व्यक्ति से राम मंदिर निर्माण के लिए एक स्वदेशी दिया जलाए।

राम मंदिर बन जाएगा

गौरतलब है कि 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले अयोध्या में राम मंदिर का मुद्दा गरमा गया है। राम मंदिर निर्माण को लेकर शुरू हुई राजनीतिक दलों की खींचतान के बीच तालकटोरा स्टेडियम में चल रही अखिल भारतीय संत समिति की बैठक में साध्वी प्राची ने कहा था कि राम जी का मंदिर धूमधाम से बनेगा। छह दिसंबर को ही हमें शिलान्यास करना है। साध्वी ने यह भी कहा था कि अयोध्या के अंदर हिंदुस्तान के हिंदुओं को बुलाओ, राम मंदिर की घोषणा करो, किसी की जरूरत नहीं है राम मंदिर बन जाएगा।  

हजारों साधु-संत ले रहे हैं भाग

गौरतलब है कि शनिवार से दो दिवसीय साधु-संतों की बैठक तालकटोरा स्टेडियम में शुरू हो चुकी है। इसे 'धर्मादेश' का नाम दिया गया है। तालकटोरा स्टेडियम में जारी इस बैठक में देश भर के तकरीबन तीन हजार साधु-संत भाग ले रहे हैं। बैठक में हिंदू धर्म के सभी 125 संप्रदायों के संत हिस्सा ले रहे हैं। बताया जा रहा है कि दिल्ली में साधु-संतों का इस तरह का जमावड़ा प्रयागराज कुंभ से पहले सबसे बड़ा है।


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