दिल्ली के डिप्टी सीएम बोले, कोरोना माहौल में 12वीं बोर्ड की शेष परीक्षा आयोजित करना संभव नहीं
मनीष सिसोदिया ने रमेश पोखरियाल निशंक को लिखे पत्र में कहा कि राजधानी में जुलाई के अंत में कोरोना मरीजों के लिए 80 हजार बेड की जरूरत होगी।
राज्य ब्यूरो,नई दिल्ली। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को पत्र लिखकर आगाह किया है कि जुलाई महीने में सीबीएसई द्वारा कक्षा 12 वीं के बोर्ड के 29 विषयों की परीक्षा आयोजित करना बेहद मुश्किल है। ये परीक्षा कोरोना के बढ़ते प्रकोप के कारण नहीं ली जानी चाहिए। सीबीएसई को 12वीं कक्षा के सभी बच्चों को इंटर्नल परीक्षा के आधार पर ही अंक दे देना चाहिए।
सिसोदिया ने कहा कि सीबीएसई को इन विषयों में 12वीं कक्षा के बच्चों के प्रोजक्ट, कक्षा में दिए गए टेस्ट व टर्म परीक्षा के आधार पर अंक देना चाहिए, लेकिन शेष विषयों की परीक्षा लेने का विचार छोड़ देना चाहिए।
स्कूल के ऑडिटोरियम को अस्पताल में बदला जाएगा
सिसोदिया ने रमेश पोखरियाल निशंक को लिखे पत्र में कहा कि राजधानी में जुलाई के अंत में कोरोना मरीजों के लिए 80 हजार बेड की जरूरत होगी। इतनी बड़ी संख्या में बेड के लिए 242 स्कूलों में बने ऑडिटोरियम को कोरोना अस्पताल में बदल दिया जाएगा। स्कूलों के ये 242 ऑडिटोरियम कोरोना अस्पताल के रूप में काम करेंगे। सीबीएसई अगर इन्हीं स्कूलों के भवनों में, जहां सैकड़ों कोरोना मरीज भरे होंगे, परीक्षा आयोजित करती है तो यह बच्चों को रिस्क में डालना होगा। पिछले एक सप्ताह में भी राजधानी में कोरोना मरीज की संख्या में बढोत्तरी हुई है व कोरोना मरीज की कुल संख्या 16 जून तक 44688 तक पहुंच चुकी है। यह 31 जुलाई तक 5.5 लाख तक पहुंचने की आशंका है। इस स्थिति में अगर कोई छात्र कोरोना पाजिटिव हो जाता है तो उसे तुरंत परीक्षा छोड़ना पड़ेगा।
सिसोदिया ने कहा कि राजधानी में करीब 242 कंटेनमेंट जोन हैं जहां किसी भी स्कूल को सीबीएसई द्वारा परीक्षा केंद्र के लिए इस्तेमाल नहीं कर सकता है। अन्य स्कूल भी खाली नही हैं। इसलिए इन परिस्थिति में 12वीं कक्षा के बच्चों के लिए परीक्षा आयोजित करना बच्चों के लिहाज से उचित नहीं है।