Delhi Crime: आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने की साजिश के आरोप में तीन गैंगस्टर गिरफ्तार
एनआइए के प्रवक्ता के प्रवक्ता के मुताबिक जिन तीन सरगनाओं को गिरफ्तार किया गया है उनमें दिल्ली के नीरज सेहरावत उर्फ नीरज बवाना गुरुग्राम हरियाणा के कौशल उर्फ नरेश चौधरी और पंजाब के साहिबजादा अजीत सिंह नगर के भूपिंदर सिंह उर्फ भूपी राणा को शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। आतंकी संगठनों से गठजोड़ करने वाले कुख्यात गैंगस्टरों पर नकेल कसना शुरू हो गया है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने शुक्रवार को आतंकी संगठनों से गठजोड़ करने वाले तीन कुख्यात गिरोहों के सरगनाओं को दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों में आतंकवादी कृत्यों को अंजाम देने की साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार किया है। एनआइए के प्रवक्ता के प्रवक्ता के मुताबिक जिन तीन सरगनाओं को गिरफ्तार किया गया है उनमें दिल्ली के नीरज सेहरावत उर्फ नीरज बवाना, गुरुग्राम, हरियाणा के कौशल उर्फ नरेश चौधरी और पंजाब के साहिबजादा अजीत सिंह नगर के भूपिंदर सिंह उर्फ भूपी राणा को शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया। ये सभी अलग-अलग जेलों में बंद थे।
प्रोडक्शन वारंट पर यूएपीए कानून के तहत हुई गिरफ्तारी
इन्हें प्रोडक्शन वारंट पर लेकर एनआइए ने यूएपीए कानून के तहत गिरफ्तार किया है। प्रवक्ता का कहना है कि हत्या समेत विभिन्न प्रकार की आपराधिक गतिविधियों में इन गैंगस्टरों की संलिप्तता है। ये गिरोह लंबे समय से लोगों को डरा धमका कर उनसे रंगदारी वसूलने का रैकेट चला रहे हैं। डिमांड के अनुसार रकम न देने पर लोगों की हत्या करने से नहीं चूकते हैं।
हथियारों की तस्करी के जरिए करता था फंड जमा
ये गिरोह ड्रग और हथियारों की तस्करी के जरिए इस तरह की आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए फंड भी जुटा रहे हैं। एनआइए प्रवक्ता का कहना है कि दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने सात अगस्त को गृह मंत्रालय के निर्देश पर अलग-अलग राज्याें में आतंक का पर्याय रहे आठ गैंगस्टरों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।
एनआइए और स्पेशल सेल कर रही जांच
एनआइए ने भी 26 अगस्त को प्राथमिकी दर्ज की थी। सभी मामले की एनआइए व स्पेशल सेल जांच कर रही है। कई बड़े गैंगस्टरों को इन केसों में गिरफ्तार किया जाएगा। 12 सितंबर काे एनआइए ने दिल्ली-एनसीआर समेत कई राज्यों में बड़े गैंगस्टरों के घरों पर छापेमारी की थी जहां से अवैध हथियारों के अलावा रंगदारी से पैसे से खरीदी गई करोड़ों की संपत्ति के दस्तावेज व व्यापारियों से रंगदारी मांगने से संबंधित धमकी भरे पत्र मिले थे।