Delhi Crime News: गाय के हमले से 72 साल की बुजुर्ग महिला की मौत, इलाज के लिए अस्पतालों में भटके, घटना का वीडियो वायरल
इलाके में पशुओं का आतंक अधिक है आए दिन वहां पर पशु कभी बच्चों को तो कभी बुजुर्ग को घायल कर रहे हैं। संबंधित विभाग इन आवारा पशुओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। इलाके में अवैध डेयरी खूब संचालित हो रही हैं।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। राजधानी की सड़कों पर आवारा पशु, कुत्ते आए दिन लोगों पर हमला कर उनकी जान के दुश्मन बन रहे हैं। उत्तरी जिले के सब्जी मंडी इलाके में दो मई को 72 वर्षीय बुजुर्ग महिला को पीछे से गाय ने सींग से उठाकर उछाल दिया। इससे उनकी कूल्हे की हड्डी टूट गई। हादसे के अगले दिन उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई। घटना महिला के घर के पास ही हुई।
बताया जा रहा है कि घटना के बाद स्वजन महिला को चार-चार अस्पतालों में उपचार के लिए लेकर गए, लेकिन कहीं पर भी आपरेशन के लिए बेड नहीं मिला। इस मामले को लेकर मृतका के स्वजन ने फिलहाल पुलिस से कोई शिकायत नहीं की है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।
वहीं घटना का सीसीटीवी कैमरों का वीडियो काफी वायरल हो रहा है। जानकारी के अनुसार, 72 वर्षीय कलावती सब्जी मंडी इलाके में परिवार के साथ रहती थी। दो मई को करीब छह बजे वह घर के पास गली में जा रही थी। इस दौरान उनके पीछे से आ रही गाय ने उन्हें जोरदार टक्कर मार दिया। वह उछल कर वहीं पर गिर गई।
चार-चार अस्पतालों में भटके, नहीं मिला इलाज
स्वजन उन्हें सबसे पहले बाड़ा हिंदू राव अस्पताल लेकर गए। मृतका की बेटी दिपाली ने बताया कि अस्पताल में पता चला कि उनकी कूल्हे की हड्डी टूट चुकी है, तुरंत आपरेशन कराने की जरूरत थी। लेकिन अस्पताल प्रशासन ने कहा कि यहां पर अगले 15 दिनों तक आपरेशन नहीं हो सकता है। ऐसे में उन्हें रोहिणी स्थित सरोज अस्पताल में ले जाया गया। यहां पर ईडब्ल्यूएस के जरिये बेड की मांग की गई लेकिन बेड नहीं दिया गया।
इसके बाद वहां से शालीमार बाग स्थित मैक्स अस्पताल ले जाया गया वहां पर ईडब्ल्यूएस पर बेड नहीं दिया गया। इसके बाद रोहिणी स्थित ईएसआइसी अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां पर भी आपरेशन के लिए बेड नहीं मिला। दिपाली का कहना है कि उनकी मां दर्द से कराह रही थी लेकिन अस्पतालों ने भर्ती नहीं किया। यदि समय पर उनका उपचार किया जाता तो आज वह हमारे बीच होती।
पशुओं का आतंक अधिक, घर से बाहर निकलने में भी लगता है डर
स्थानीय लोगों का आरोप है कि इलाके में पशुओं का आतंक अधिक है आए दिन वहां पर पशु कभी बच्चों को तो कभी बुजुर्ग को घायल कर रहे हैं। संबंधित विभाग इन आवारा पशुओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। इलाके में अवैध डेयरी खूब संचालित हो रही हैं। डेयरी संचालक गायों को खुला छोड़ देते हैं। इससे क्षेत्र में गंदगी भी खूब होती है।