Delhi Crime: 700 से अधिक गाड़ियां चोरी की, इंजन और चेसिस नंबर बदला फिर इन चार राज्यों में लगाया ठिकाने, पढ़ें डिटेल
Delhi Crime लंबे समय से पुलिस इन वाहन चोरों की तलाश कर रही थी। डीसीपी श्वेता चौहान के मुताबिक गिरफ्तार वाहन चोरों के नाम केवल उर्फ कमल तरुण उर्फ मीनू परविंदर सिंह नफीस अश्वनी मिश्रा और रौनक अली हैं।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। Delhi Crime: मध्य जिला के वाहन चोरी निरोधक दस्ता ने साढ़े चार साल के दौरान दिल्ली-एनसीआर से 700 से अधिक गाडि़यां चोरी कर उसे हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश व नगालैंड में बेचने वाले दो गिरोह के पांच बदमाश व एक रिसीवर को गिरफ्तार किया है।
लंबे समय से पुलिस इन वाहन चोरों की तलाश कर रही थी। डीसीपी श्वेता चौहान के मुताबिक गिरफ्तार वाहन चोरों के नाम केवल उर्फ कमल, तरुण उर्फ मीनू, परविंदर सिंह, नफीस, अश्वनी मिश्रा और रौनक अली हैं। इनकी निशानदेही पर फाच्र्यूनर, क्रेटा, इनोवा, आई-20 और बलेनो सहित चोरी की 13 कारें बरामद की गई हैं।
पुलिस आरोपितों से पूछताछ कर इनके चेन में शामिल अन्य आरोपितों के बारे में पता लगा रही है। वाहन चोर निरोधक दस्ता के इंस्पेक्टर संदीप गोदारा की टीम ने सभी को गिरफ्तार किय। ये अलग-अलग जगहों से गाडि़यां चोरी करने के बाद उसके इंजन और चेसिस नंबर से छेड़छाड़ कर जाली दस्तावेज बनवा लेते थे। उसके बाद दोबारा पंजीकरण कराकर वाहन बेच देते थे।
15 अगस्त को पुलिस टीम को सूचना मिली कि तरुण और कमल पटेल नगर में किसी से मिलने आने वाले हैं। पुलिस टीम ने बिना नंबर प्लेट वाली क्रेटा कार में सवार दोनों को पकड़ लिया। इनकी निशानदेही पर दूसरे गिरोह के मुखिया रौनक अली सहित अन्य आरोपितों को भी अलग-अलग जगहों से गिरफ्तार कर लिया गया।
पूछताछ में कमल ने बताया कि उसने दस दिन पहले पटेल नगर से बलेनो कार चोरी की थी, जिसे चार लाख रुपये में नगालैंड में बेच दिया था। कमल अवैध शराब हरियाणा से लेकर उत्तराखंड ले जाता था। इसी दौरान वह अन्य आरोपितों के संपर्क में आकर गाडि़यां भी चोरी करने लगा था। इसके खिलाफ 15 प्राथमिकी दर्ज हैं। तरुण 12वीं पास है। जल्द अमीर बनने की चाहत में कमल के साथ मिलकर उससे चोरी की कारों की डिलीवरी करने लगा था।
वह कमल के निर्देश पर हरियाणा, पंजाब और पूर्वोत्तर के राज्यों में चोरी की कारों को ठिकाने लगाता था। इसके खिलाफ छह प्राथमिकी दर्ज हैं। परविंदर सिंह पहले अपने पिता की वर्कशाप पर काम करता थाा। वहां नुकसान होने के बाद उसने चोरी की गाडि़यां खरीदने और बेचने का काम करने लगा। परिवार की खराब आर्थिक स्थिति के कारण नफीस वाहन चोरी करने लगा था। इसके खिलाफ छह प्राथमिकी दर्ज हैं।
अश्वनी मिश्रा काम की तलाश में नोएडा आया था और नफीस गिरोह के संपर्क में आकर दिल्ली-एनसीआर से गाडि़यां चुराने लगा। इसके खिलाफ दो प्राथमिकी दर्ज हैं। रौनक अली गांव नूरी सराय का प्रधान है और गिरोह का मुखिया है। इसके खिलाफ 35 प्राथमिकी दर्ज हैं।