नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। रेल टिकट हासिल करने के लिए दिल्ली पुलिस के नाम पर बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। राजधानी और शताब्दी एक्सप्रेस का कंफर्म टिकट हासिल करने के लिए दिल्ली पुलिस की थर्ड बटालियन के नाम पर 26 फर्जी वारंट जारी कर महाराष्ट्र, राजस्थान, बिहार, ओडिशा और उत्तराखंड के शहरों के लिए टिकट हासिल किए गए।
फर्जी वारंट जारी कर हासिल किए टिकट
इसकी जानकारी तब हुई जब रेलवे ने थर्ड बटालियन को क्लेम के लिए ये वारंट भेजे। आंतरिक जांच करने पर पता चला कि थर्ड बटालियन की ओर से कोई वारंट जारी ही नहीं किए गए हैं। जांच में यह भी पता चला कि किसी ने बाहर से थर्ड बटालियन के नाम पर फर्जी वारंट छपवाए।
इसके बाद फर्जी पुलिसकर्मियों के नाम और उनके बेल्ट नंबर फर्जी भरे, फिर रेलवे में जमा कर टिकट जारी करवा लिए गए। इस मामले में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एफआइआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
रेल में सफर के लिए पुलिस के लिए यह है प्रक्रिया
बता दें कि दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि रेल से सफर करने के लिए दिल्ली पुलिस के जिलों और हर युनिट में कार्यालय बना हुआ है। वहां पर एसीपी स्तर के अधिकारी को रेल में सफर करने की अनुमति देने का अधिकार होता है। जिस पुलिसकर्मी और अधिकारी को किसी काम के लिए बाहर जाने की जरूरत होती है तो उसके लिए एसीपी एक वारंट जारी करता है।
यह वारंट रेलवे के टिकट के सामान होता है। इस पर अधिकारी की मुहर, शील और क्रम संख्या होती है। वारंट में जिस अधिकारी को बाहर जाना होता है वह अपना बेल्ट नंबर, पद, जाने का स्थान,तारीख आदि भरता है। इसके बाद वारंट को रेलवे स्टेशन पर टिकट देने वाले को देता है। इसके के आधार पर टिकट दिया जाता है। बाद में रेलवे वारंट के अनुरूप पैसों का मूल्यांकन कर दिल्ली पुलिस को भुगतान के लिए उक्त वारंट भेजा जाता है।
जिनके नाम जारी किए गए वारंट वह बटालियन में नहीं है तैनात
पुलिस सूत्रों ने बताया कि जिनके नाम पर वारंट जारी कर टिकट हासिल किए गए हैं, वह थर्ड बटालियन में तैनात ही नहीं हैं। उक्त टिकट फर्जी तरीके से एसआई, हवलदार और सिपाही के पद पर तैनात पुलिसकर्मियों के नाम पर जारी किए गए हैं। इनमें महिला पुलिसकर्मी भी शामिल हैं।
दिल्ली पुलिस द्वारा वारंट को मिंटो रोड स्थित भारत सरकार के प्रेस से छपवाया जाता है। आंतरिक जांच में पता चला है कि उक्त वारंट बाहर से छपवाया गया है। इस पर अंकित क्रम संख्या भी फर्जी पाई गई है।
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किसी बड़े गिरोह का हो सकता है हाथ
पुलिस सूत्रों का कहना है कि उक्त फर्जीवाड़े में किसी बड़े गिरोह का हाथ हो सकता है,जिसे रेलवे में सफर करने की पुलिस की प्रक्रिया की गहराई से जानकारी है। हालांकि पुलिस इस मामले में यह भी जांच कर रही है कि कही कोई दिल्ली पुलिस या रेलवे का कर्मी और अधिकारी तो शामिल नहीं है।
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