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पुलिस और वकीलों की हिंसक झड़प के विरोध में दिल्ली की सभी अदालतों में हड़ताल

साकेत कोर्ट के वकीलों ने कामकाज ठप रखा है। मुख्य द्वार पर से वकीलों ने किसी मुवक्किल को अंदर नहीं जाने दिया है।

By Mangal YadavEdited By: Published: Mon, 04 Nov 2019 12:21 PM (IST)Updated: Mon, 04 Nov 2019 12:21 PM (IST)
पुलिस और वकीलों की हिंसक झड़प के विरोध में दिल्ली की सभी अदालतों में हड़ताल
पुलिस और वकीलों की हिंसक झड़प के विरोध में दिल्ली की सभी अदालतों में हड़ताल

नई दिल्ली, जेएनएन। तीस हजारी कोर्ट में शनिवार को हुई हिंसक झड़प के बाद दिल्ली के सभी वकील एकजुट हो गए हैं। घटना के विरोध में सोमवार को साकेत कोर्ट के वकीलों ने कामकाज ठप रखा है। मुख्य द्वार पर से वकीलों ने किसी मुवक्किल को अंदर नहीं जाने दिया है। बार एसोसिएशन ने दोषी पुलिसकर्मियों पर सख्त करवाई की मांग की है।

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वहीं तीस हजारी कोर्ट, पटियाला हाउस और राऊज एवेन्यू कोर्ट में कामकाज प्रभावित है। यहां पर भी वकीलों ने हड़ताल की है।

उधर, सुप्रीम कोर्ट के वकील भी पुलिस के खिलाफ सड़कों पर उतर गए हैं। सोमवार को वकीलों ने प्रदर्शन किया और गंभीर रुप से घायल वकील को दस लाख आर्थिक मदद देने की मांग की। बताया जा रहा है कि पंजाब में भी वकील दिल्ली पुलिस के खिलाफ लामबंद हो गए हैं। यहां के वकीलों ने पीड़ित वकीलों का समर्थन किया है।

पुलिस के खिलाफ हाई कोर्ट में अधिवक्ता लामबंद

इससे पहले तीस हजारी अदालत परिसर में हिंसक झड़प से नाराज अधिवक्ता रविवार को दिल्ली पुलिस के खिलाफ लामबंद हो गए। दिल्ली हाई कोर्ट की मुख्य पीठ के समक्ष सुनवाई के दौरान बार काउंसल ऑफ इंडिया, सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन, बार काउंसिल ऑफ दिल्ली और दिल्ली हाई कोर्ट बार ऐसोसिएशन के पदाधिकारियों समेत अधिवक्ताओं ने पुरजोर तरीके से पीड़ित अधिवक्ताओं का पक्ष रखा।

दिल्ली हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मोहित माथुर ने अधिवक्ताओं की तरफ से कहा कि पुलिस की तरफ से अधिवक्ता विजय कुमार को करीब से गोली मारी गई, जोकि उनके सीने से पार हो गई। इसमें उनकी जान भी जा सकती थी।

बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्र ने कहा कि यह सीधे तौर पर हत्या का प्रयास और आर्म्स एक्ट का मामला है। घटना में शामिल आरोपितों को निलंबित किया जाना चाहिए व पीड़ित अधिवक्ताओं को उचित मुआवजा भी दिया जाए। दिल्ली हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष अमरजीत सिंह ने कहा कि दिल्ली पुलिस को सभी अदालत परिसर से हटाकर अदालत परिसर की सुरक्षा व्यवस्था किसी अन्य एजेंसी को दी जानी चाहिए। 

कहा, अब तक नहीं हुई अधिकारियों पर कार्रवाई

दिल्ली बार काउंसिल के अध्यक्ष केसी मित्तल ने पीठ को बताया कि दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। जबकि लाठीचार्ज और गोली चलाने के आरोपितों पर तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए। अधिवक्ताओं के चैंबर में तोड़फोड़ की गई और इसमें विभागीय जांच का कोई मतलब नहीं है।

दिशा निर्देश तय किए जाने की उठाई मांग

सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश खन्ना ने कहा कि मामला बेहद गंभीर है। इसलिए दिशा निर्देश तैयार किए जाने चाहिए, ताकि ऐसी घटना भविष्य में दोबारा न होने पाए।

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