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अंशु प्रकाश पिटाई केसः केजरीवाल-मनीष सिसोदिया मुश्किल में, कोर्ट में होना होगा पेश

मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने समन जारी कर सभी आरोपियों को 25 अक्टूबर तक कोर्ट में पेश होने के लिए कहा है

By JP YadavEdited By: Published: Tue, 18 Sep 2018 10:52 AM (IST)Updated: Tue, 18 Sep 2018 12:33 PM (IST)
अंशु प्रकाश पिटाई केसः केजरीवाल-मनीष सिसोदिया मुश्किल में, कोर्ट में होना होगा पेश
अंशु प्रकाश पिटाई केसः केजरीवाल-मनीष सिसोदिया मुश्किल में, कोर्ट में होना होगा पेश

नई दिल्ली (जेेएनएन)। दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ बदसलूकी व मारपीट मामले में तैयार की गई चार्जशीट के चलते सीएम अरविंद केजरीवाल और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया फंस गए हैं। मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने समन जारी कर सभी आरोपियों को 25 अक्टूबर तक कोर्ट में पेश होने के लिए कहा है। कोर्ट के समन के मुताबिक, अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया के अलावा 11 विधायकों को समन जारी कर पेश होनेे के लिए कहा है। 

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यहां पर बता दें कि मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ बदसलूकी व मारपीट के मामले में तैयार चार्जशीट दिल्ली पुलिस दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में दाखिल कर चुकी है। इस चार्जशीट में सीएम अरविंद केजरीवाल, डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया समेत 13 विधायकों को आरोपी बनाया गया है। बताया जा रहा है कि मारपीट मामले में पुलिस ने सबूतों के आधार पर जिस तरीके से मजबूत चार्जशीट तैयार की है, वह केजरीवाल सरकार के लिए गले की फांस बन सकती है।

चार्जशीट में उत्तरी जिला पुलिस ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के तत्कालीन सलाहकार वीके जैन को ही मुख्य चश्मदीद गवाह बनाया है। वीके जैन ने अपने बयान में आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खां व प्रकाश जारवाल द्वारा मुख्य सचिव को गला दबाकर सात थप्पड़ व घूसे मारने की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि अंशु प्रकाश की जब पिटाई की जाने लगी थी, तब उनका चश्मा जमीन पर गिर गया था।

यह है पूरा मामला
बता दें 19 फरवरी की आधी रात 12 बजे केजरीवाल के सिविल लाइंस स्थित आवास पर मुख्य सचिव के साथ हुई बदसुलूकी व मारपीट की घटना के बाद 21 फरवरी की सुबह सिविल लाइंस थाना पुलिस ने वीके जैन से पूछताछ की थी। पहले तो उन्होंने पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की, लेकिन दिल्ली पुलिस ने अगले दिन 22 फरवरी को मजिस्ट्रेट के सामने बंद कमरे में उनका धारा-164 के तहत बयान दर्ज करवा दिया था, ताकि वह सबकुछ सच बता सकें। मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान में उन्होंने घटना की पूरी घटना उजागर कर दी थी। तभी पुलिस ने उन्हें केस का मुख्य चश्मदीद गवाह बना लिया था।

पुलिस अधिकारी का कहना है कि केजरीवाल ने वीके जैन के जरिये ही बार-बार फोन करवाकर मुख्य सचिव को देर रात 12 बजे अपने आवास पर बुलवाया था। वीके जैन के सामने सारी घटना घटी थी। पुलिस को लगता है कि घटना का कोई चश्मदीद अगर जांच में सहयोग नहीं कर रहा है, सच्चाई नहीं बता रहा है तो मजिस्ट्रेट के सामने उसका बयान दर्ज करवा दिया जाता है।

पुलिस अधिकारी के अनुसार, मुख्य सचिव से केवल मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री ही पूछताछ कर सकते हैं और उन्हें बैठक के लिए बुला सकते हैं, लेकिन इस केस में मुख्य सचिव को बुलाने के बाद केजरीवाल ने उन्हें विधायकों के सवालों के जवाब देने के लिए कहा था। विधायकों का उनसे सवाल करना भी नियम के खिलाफ था। उन्हें सोफे पर दो विधायकों के बीच में बैठाना भी गलत था।


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