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JNU Sedition case: चार्जशीट के मुद्दे पर दिल्ली सरकार को कोर्ट से मिली बड़ी राहत

कथित तौर पर भारत विरोधी नारे लगाने को लेकर दायर 1200 पन्ने के आरोप पत्र में विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रों उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य को भी आरोपी बनाया है।

By JP YadavEdited By: Published: Mon, 08 Apr 2019 12:55 PM (IST)Updated: Mon, 08 Apr 2019 12:58 PM (IST)
JNU Sedition case: चार्जशीट के मुद्दे पर दिल्ली सरकार को कोर्ट से मिली बड़ी राहत
JNU Sedition case: चार्जशीट के मुद्दे पर दिल्ली सरकार को कोर्ट से मिली बड़ी राहत

नई दिल्ली, जेएनएन। JNU sedition case: दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) सरकार को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने बड़ी राहत देते हुए देशद्रोह के मसले पर चार्जशीट की मंजूरी के लिए ज्यादा समय देने का निवेदन स्वीकार कर लिया है। अब इस मसने पर 23 जुलाई को सुनवाई होगी। 

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इससे पहले दिल्ली सरकार के कानून विभाग से अनुमति लिए बगैर जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (Jawaharlal Nehru University) देशद्रोह मामले में आरोप पत्र दाखिल करने पर पांच अप्रैल को पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई हुई थी।

सुनवाई के दौरान कोर्ट में जवाब दाखिल करते हुए दिल्ली सरकार के वकील ने कहा था 'एक महीने के भीतर चार्जशीट को अनुमति देने पर निर्णय ले लिया जाएगा। इस दौरान स्टैंडिंग काउंसिल से राय ली जाएगी।'

 दिल्ली सरकार ने अपने वकील के जरिये कोर्ट से यह भी कहा था - 'जेएनयू देशद्रोह मामले में दिल्ली पुलिस ने गोपनीयता बरतने के साथ जल्दबाजी में चार्जशीट दाखिल की। इस दौरान दिल्ली सरकार के संबंधित महकमे से इसके अनुमति नहीं मिली थी। विभाग ने अभी तक यह निर्धारित नहीं किया है कि जेएनयू में कथित नारे लगाए गए देशद्रोह की श्रेणी में आते हैं या नहीं।'  

गौरतलब है कि 14 जनवरी को दिल्ली पुलिस ने करीब 1200 पन्ने का आरोपपत्र अदालत में दाखिल किया था। इसमें जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार, डेमोक्रेटिक स्टूडेंट यूनियन के सदस्य उमर खालिद और इतिहास विषय के शोधार्थी अनिर्बान भट्टाचार्य को मुख्य आरोपित बनाया है।

सात अन्य आरोपितों में आकिब हुसैन, मुजीब हुसैन, मुनीब हुसैन, उमर गुल, रईस रसूल, बशरत अली व खालिद बशीर भट शामिल हैं। इसके अलावा आरोप पत्र के कॉलम नंबर 12 में संदिग्धों में रामा नागा, आशुतोष, शेहला राशिद, डी राजा की बेटी अपराजिता राजा, रुबैना सैफी, समर खान समेत 36 छात्रों को रखा गया है। कोर्ट के आदेश पर इन्हें भी आरोपित बनाया जा सकता है। कॉलम नंबर 12 संदिग्धों के लिए इस्तेमाल किया जाता है, जिनके खिलाफ पर्याप्त सुबूत नहीं होते हैं।

दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया था कि 9 फरवरी 2016 को जेएनयू में तत्कालीन छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने एक कार्यक्रम का आयोजन किया था। आरोपित अनिर्बान भट्टाचार्य औैर उमर खालिद ने देशविरोधी नारे लगाए और कन्हैया कुमार ने उनका साथ दिया।

गौरतलब है कि 14 जनवरी को दिल्ली पुलिस ने करीब 1200 पन्नों का आरोपपत्र अदालत में दाखिल किया था। इसमें कन्हैया कुमार, डेमोक्रेटिक स्टूडेंट यूनियन के सदस्य उमर खालिद व इतिहास के शोधार्थी अनिर्बान भट्टाचार्य को मुख्य आरोपित बनाया था। सात अन्य आरोपितों में आकिब हुसैन, मुजीब हुसैन, मुनीब हुसैन, उतर गुल, रईस रसूल, बसरत अली व खालिद बशीर भट शामिल हैं।

9 फरवरी, 2016 को आयोजित हुआ था कार्यक्रम

गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस ने जेएनयू परिसर में नौ फरवरी 2016 को आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कथित तौर पर भारत विरोधी नारे लगाने को लेकर दायर 1200 पन्ने के आरोप पत्र में विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रों उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य को भी आरोपी बनाया है। पुलिस ने अदालत में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (जेएनयूएसयू) के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार और अन्य के खिलाफ 1200 पन्नों का आरोप पत्र दाखिल करते हुए कहा था कि वह परिसर में एक कार्यक्रम का नेतृत्व कर रहे थे और उन पर फरवरी 2016 में विश्वविद्यालय परिसर में देश विरोधी नारों का समर्थन करने का आरोप है।

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